भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मजदूर महापंचायत में श्रमिकों को कई सौगातें देते हुए 11 घोषणाएं कीं। दूसरों के आशियाने तैयार करने वाले मजदूरों के लिए आज शिवराज सरकार ने अपना खजाना खोला और घोषणा की कि अब शहर में रहने वाले मजदूरों को मकान की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। उन्हें प्रदेश सरकार मुफ्त में मकान बनाकर देगी। गांव के मजदूरों को प्लॉट के रूप में जमीन उपलबध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पहले चरण में मजदूरों के लिए 10 हजार मकान बनाए जाएंगे। मजदूरों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों के लिए 36 एकड़ में 100 करोड़ की लागत से उत्कृष्ट श्रम परिसर का निर्माण भोपाल के कान्हासैया गांव के पास किया जाएगा। इस परिसर में निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए एक उत्कृष्ट स्तर का विद्यालय होगा। इसके अलावा इस परिसर में निर्माण श्रमिक के बच्चों के लिए राष्ट्रीय स्तर के कोचिंग इंस्टीट्यूट बनेंगे। यहां पर श्रमिकों के बच्चों को रहने की व्यवस्था के साथ नि:शुल्क भोजन एवं अन्य सुविधाएं उपलबध रहेंगी। बच्चों को स्कॉलरशिप भी प्रदेश सरकार द्वारा दी जाएगी। आज भोपाल के जम्बूरी मैदान में मध्यप्रदेश शासन द्वारा विशाल मजदूर महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, श्रम मंत्री जगन्नाथ सिंह, कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया, सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव सहित अनेक नेता मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण श्रमिकों के लिए इस परिसर में राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण संस्थान भी बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संतानों का मान्यता प्राप्त मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कालेज में प्रवेश होने पर 5 हजार रुपये उपकरण खरीदी तथा पोषाक हेतु 2 हजार रुपये छात्र को एवं 3 हजार रुपये छात्रा को देने की भी घोषणा की। सुपर 501 योजना के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को राज्य स्तर पर राज्य बोर्ड में दसवीं कक्षा में मेरिट के आधार पर सर्वोच्च 500 बच्चों को 25 हजार की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इसके साथ ही 12वीं कक्षा में मेरिट के आधार पर सर्वोच्च 500 बच्चों को भी 25 हजार की राशि मिलेगी। श्रमिकों के नि:शक्त बच्चों के लिए स्नातकोत्तर स्तर तक नियमित विद्यार्थी के रूप में शिक्षा अथवा प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रतिवर्ष कक्षा के आधार पर 500 से 5000 तक तथा छात्रावासी के रूप में साढ़े सात सौ से साढ़े सात हजार रुपये तक सहायता राशि दी जाएगी। श्रमिकों की दो पुत्रियों को अध्ययन काल में एक बार स्नातक पाठ्यक्रम में 60 प्रतिशत अंक लाने पर 1500 रूपये प्रतिवर्ष का अनुदान दिया जायेगा। विधवा अथवा तलाकशुदा महिला को पुनर्विवाह करने पर 25 हजार की सहायता राशि एक बार दी जायेगी। श्रमिकों की दो संतानों तक 5वीं से लेकर स्नातकोत्तर तक 60 प्रतिशत एवं अधिक अंकों पर कक्षावार 500 से 6000 रूपये तक मेधावी पुरस्कार दिया जायेगा। पीएससी में चयन होने पर श्रमिकों की संतानों को प्रोत्साहन राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर श्रमिकों ने ढोल बाजों के साथ उनका स्वागत किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजदूर महापंचायत में आए श्रमिकों से कहा कि आप लोगों को यहां पर बुलाने से रोकने के लिए कांग्रेस ने हर तरह के हथकंडे अपनाए, लोग कोर्ट भी गए लेकिन मैंने मजदूरों के लिए महापंचायत का आयोजन निरस्त नहीं किया। कांग्रेस के पेट में इस आयोजन को लेकर खासा दर्द हो रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिल्डिंग वक्र्स, एज्युकेशन सिटी माडल का अनावरण भी किया। इसके पहले आयोजन में आने पर मुख्यमंत्री का आदिवासी मजदूरों ने नृत्य कर स्वागत किया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकतंत्र में सर्वाधिक जवाबदारी गरीब वर्ग के साथ होती है, लेकिन कई बार इस वर्ग को ही सरकार छोड़ देती है, लेकिन मध्यप्रदेश ही देश का ऐसा राज्य है जहां मजदूरों के हित में बहुत काम हुए।मजदूर महापंचायत में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, श्रममंत्री जगन्नाथ सिंह, कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया, सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव व कई नेता मौजूद थे।
मजदूर महापंचायत के अवसर पर दैनिक सांध्यप्रकाश द्वारा ‘मेहनतकश शिव राज’ शीर्षक से पत्रिका प्रकाशित की गई। प्रदेश में मजदूर कल्याण और उनकी सुविधाओं के लिए संचालित योजनाओं, गतिविधियों की जानकारी से युक्त यह पत्रिका महापंचायत में आए मजदूरों को वितरित की गई।