डबरा (ग्वालियर) मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के डबरा कृषि उपज मंडी में किराए को लेकर व्यापारियों की दुकानों को सील किए जाने के मामले में प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी का विरोध अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) जयति सिंह को भारी पड़ गया। एसडीएम को शनिवार को मुख्य सचिव ने हटाकर ग्वालियर कलेक्टोरेट में अटैच कर दिया है।
दुकानों का किराया न देने पर एसडीएम जयति सिंह ने 26 दुकानों को सील कर दिया था। इसके बाद कुछ व्यापारियों ने किराया जमा किया तो प्रशासन ने उनकी दुकानों की सील खोल दी थी। लेकिन 11 व्यापारियों ने किराया जमा नहीं किया था। व्यापारियों के समर्थन में मंत्री इमरती देवी पहुंच गईं। उन्होंने कुछ व्यापारियों से मंडी प्रशासन को चेक दिलवाकर दुकानें खुलवा दी थीं। अगले दिन गुरुवार सुबह एसडीएम ने 11 व्यापारियों पर अवैध रूप से सील तोडे जाने के मामले में कार्रवाई की बात कही थी। इतना ही नहीं एसडीएम ने कहा था कि कलेक्टर से इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच करवाएंगी।
प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने बताया कि हमने व्यापारियों से चेक दिलवाए जाने की बात कही थी और आश्वासन दिया था कि व्यापारी किराया नहीं देंगे तो मैं खुद राशि जमा कराऊंगी, लेकिन एसडीएम ब्याज जमा कराने पर अड़ी थीं। हमने मुख्यमंत्री जी को इससे अवगत कराया था। इसके बाद उन्होंने एसडीएम को हटवाया।
ग्वालियर जिले के डबरा की एसडीएम जयति सिंह ने कहा कि अब मैं इस मामले में कुछ नहीं कहूंगी। मैं सरकारी सेवक हूं। शासन द्वारा मुझे जहां भी भेजा जाएगा, वहां पूरी ईमानदारी और मेहनत से काम करुंगी।
मंत्री ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अब यहां पर या तो एसडीएम रहेंगी या फिर वो। मामला भोपाल तक गर्माने के बाद शनिवार को मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने एसडीएम को ग्वालियर कलेक्टोरेट में अटैच किए जाने के आदेश जारी कर दिए। कलेक्टर अनुराग चौधरी ने मामले की जांच के लिए अपर कलेक्टर किशोर कन्याल को नियुक्त किया है।