भोपाल. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन महामंत्री सुहास भगत के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अब प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. उनकी पत्नी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की 4 दिन पहले सीएम शिवराज सिंह से मुलाकात हुई थी. उसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान के कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला था. मुख्यमंत्री शिवराज ने उसके बाद अपील की थी कि उनके संपर्क में आए सभी लोग अपनी कोरोना जांच करा लें, लेकिन तुलसी सिलावट ने अपनी जांच नहीं करायी. मंगलवार को कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर वो जांच के लिए गए और रिपोर्ट पॉजिटिव आयी.
सांवेर उपचुनाव के सिलसिले में मंत्री तुलसी सिलावट ने रविवार को इंदौर के बीजेपी ऑफिस में एक बैठक की थी. उसमें सांवेर के प्रभारी विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, गोपीकृष्ण नेमा, सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा, सूरज कैरो सहित करीब 20 पदाधिकारी शामिल हुए थे. इन सब को भी अब अपनी जांच करानी होगी. इसके अलावा उन्होंने पिछले दो दिन सांवेर में कई चुनावी चौपल लगाई थीं. उसमें बीजेपी नेता और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए थे. वे सीधे इनसे संपर्क में आए थे. मंगलवार को शिवराज कैबिनेट की वर्चुअल बैठक में तुलसी सिलावट कलेक्ट्रेट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे. इस दौरान कलेक्टर मनीष सिंह भी उनके संपर्क में आए थे.
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी के अस्वस्थ होने की सूचना मिली है. भगवान से उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर कहा मैं आपके और आपकी पत्नी के पूर्ण स्वास्थ्य लाभ की भगवान से प्रार्थना करता हूं.
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की उम्र 65 साल है, जबकि 60 साल से ऊपर वालों को कोरोना काल में विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. बावजूद इसके तुलसी सिलावट सांवेर में लगातार रैलियां, बैठकें और चुनावी चौपाल लगा रहे थे. उसमें न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा था और न मास्क का सही उपयोग लोग कर रहे थे. सीएम शिवराज सिंह के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्होंने उनसे मिलने वाले सभी मंत्रियों को होम क्वारंटीन रहने के लिए कहा था, लेकिन तुलसी सिलावट ने उनकी बात भी नहीं मानी और भोपाल से लौटकर वे सांवेर में चुनाव प्रचार में लग गए. इस दौरान वो सैकड़ों लोगों से मिले.