इंदौर ! इंदौर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी पहल के तहत सहायक इंजीनियर के जब्त बंगले को संभवत: इस महीने के आखिर तक प्राथमिक स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र में बदल दिया जायेगा। जिला प्रशासन विशेष अदालत के आदेश पर सहायक इंजीनियर के इस बंगले और कुछ अन्य संपत्तियों को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत पहले ही अपने कब्जे में ले चुका है। जिलाधिकारी आकाश त्रिपाठी ने आज बताया, ‘मैंने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के सहायक इंजीनियर अरविंद तिवारी के इंदौर के सुदामा नगर स्थित बंगले का एक कमरा आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के लिये आवंटित किया है। इस बंगले के अन्य कमरे प्राथमिक स्कूल खोलने के लिये आवंटित किये गये हैं।Ó त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने सहायक इंजीनियर के प्रभु नगर स्थित भवन में जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी का दफ्तर, बाल कल्याण समिति और दो अन्य सरकारी विभागों के कार्यालय खोलने के आदेश दिये हैं। जिलाधिकारी ने बताया, ‘हम कोशिश कर रहे हैं कि सहायक इंजीनियर के जब्त भवनों में इस महीने के आखिर तक सरकारी कार्यालय शुरू कर दिये जायें।Ó
विशेष न्यायाधीश अवनीन्द्र कुमार सिंह ने 28 अप्रैल को आदेश दिया था कि नजदीकी देवास जिले के कन्नौद में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के प्रभारी सहायक इंजीनियर के रूप में पदस्थ अरविंद तिवारी की भ्रष्ट तरीकों से अर्जित संपत्ति को ‘मध्य प्रदेश संपत्ति अधिहरण अधिनियमÓ के तहत जब्त कर लिया जाये। इस भ्रष्टाचार निरोधक कानून में प्रावधान है कि प्रदेश सरकार अपने कारिंदों की भ्रष्ट तरीकों से बनायी गयी संपत्ति को जब्त करके इसका जन हित में इस्तेमाल कर सकती है। विशेष अदालत के आदेश के मुताबिक जिला प्रशासन के दलों ने जून के पहले हफ्ते में प्रभु नगर में तिवारी के चार भूखंडों पर बने मकान, सुदामा नगर में 6,000 वर्ग फुट पर बने दो मंजिला मकान, पलासिया क्षेत्र स्थित मौर्या आर्केड में एक दुकान के साथ चार लाख 16 हजार 100 रुपये की नकदी और सात लाख 51 हजार 988 रुपये मूल्य के जेवरात जब्त कर लिये। पुलिस के लोकायुक्त दस्ते ने तिवारी के इंदौर और कन्नौद स्थित ठिकानों पर 19 नवंबर 2009 को छापे मारे थे। इन छापों में उसकी करीब दो करोड़ रुपये के मूल्य वाली बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया गया था।