मिजाजीलाल जैन

भोपाल। कस्टम-सेंट्रल एक्साइज व जीएसटी महकमे ने अचानक देशभर के 22 वरिष्ठ अधिकारियों को अचानक अनिवार्य सेवानिवृत्ति का फरमान सुना दिया है। इस कार्रवाई से पूरे विभाग में हडकंप की स्थिति है। इनमें नौ अधिकारी मध्यप्रदेश के भोपाल जोन के हैं जो कि इंदौर, भोपाल, रायपुर और नागपुर कमिश्नरेट में पदस्थ हैं। केंद्र सरकार ने सर्विस कंडक्ट रूल की धारा 56(जे) के तहत यह सख्त कार्रवाई की है।

सुप्रिंटेंडेंट स्तर के इन अधिकारियों को जबरिया रिटायर करने की इस कार्रवाई से पूरे महकमे में हडकंप है। कार्रवाई इतनी गोपनीय थी कि किसी को कानों-कान खबर भी नहीं हुई। जबरिया सेवानिवृत्त किए गए कतिपय अधिकारियों का कहना है कि उनके खिलाफ कोई आरोप भी नहीं था और न ही विभागीय जांच पेंडिंग थी, जबकि विभागीय कमिश्नर का कहना है कि कुछ अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच और चार्जशीट आदि हुई है। उन्होंने बताया कि कार्रवाई देशव्यापी हुई है। इसमें 20 साल की नौकरी अथवा 50 साल की उम्र का मापदंड रखा गया है।

भोपाल जोन के चीफ कमिश्नर विनोद सक्सेना ने नौ अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने की कार्रवाई की पुष्टि की है। इन अधिकारियों में ज्यादातर इंदौर के बताए जाते हैं। बताया जाता है कि विभाग ने दो दिन पहले अचानक इन सभी अधिकारियों को तीन महीने का अग्रिम वेतन देकर घर बिठा दिया। इन्हें सेवा से अलग करने के पीछे कोई कारण नहीं बताया गया। उन्हें एक नोटिस थमाकर ही विभाग का यह फरमान सुना दिया गया।

भोपाल जोन के कैलाश वर्मा, केसी मंडल, एमएस डामोर, आरएस गोगिया, किशोर पटेल, जेसी सोलंकी, एसके मंडल, गोविंद राम मालवीय एवं एयू छपरगाये शामिल हैं।

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