भोपाल ! मध्यप्रदेश की राजधानी में शुक्रवार को एकतरफा प्यार में विफल एक सिरफिरे अधेड़ ने एक जिम ट्रेनर युवती पर तेजाब फेंक दिया, जिससे वह बुरी तरह झुलस गई। इसके बाद आरोपी ने खुद को चाकू मारकर आत्महत्या कर ली। सरकार ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की और पीड़िता के उपचार का खर्च उठाने का ऐलान किया। पुलिस अधीक्षक अरविंद सक्सेना ने आईएएनएस को बताया कि शुक्रवार की सुबह जिम ट्रेनर रेनू (22) स्कूटी से जिम जा रही थी, रास्ते में एक अधेड़ संजय पाटिल (45) ने उसे रोका और मारपीट की। इसके बाद आरोपी ने युवती पर तेजाब फेंक दिया, युवती बुरी तरह झुलस गई। उसका उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है। युवती पर फेंका गया तेजाब कौन सा था, पुलिस इसकी जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि युवती पर तेजाब फेंकने के बाद आरोपी ने खुद पर चाकू से कई वार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके शव को पोस्टर्माटम के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा गया है।
बताया गया है कि संजय का रेनू के घर आना जाना था, क्योंकि वह रेनू के पिता का परिचित था। पिता की लगभग डेढ़ दशक पहले मौत हो चुकी है। इधर कुछ समय से संजय पाटिल रेनू से करीबी बढ़ाने का प्रयास कर रहा था, मगर रेनू को उसका आना-जाना पसंद नहीं था। वह विरोध करने लगी तो वह उसे परेशान करने लगा। आरोपी संजय शादीशुदा था, उसके बच्चे भी हैं।
पीड़ित युवती रेनू ने संवाददाताओं को बताया कि वह शुक्रवार की सुबह रोज की तरह जिम जा रही थी। अशोका गार्डन थाना क्षेत्र में संजय पाटिल नामक अधेड़ ने उसे रोका और मारपीट पर उतारू हो गया। युवती ने अपने साथ छेड़छाड़ व मारपीट की घटना से अशोका गार्डन थाने की पुलिस को अवगत कराया, मगर पुलिस ने दूसरे थाने का मामला बताते हुए सहयोग करने से इनकार कर दिया।
युवती का कहना है कि मारपीट के बाद संजय ने उस पर तेजाब फेंक किया, जिससे वह झुलस गई। उसका कहना है कि संजय उसे काफी समय से परेशान कर रहा था, इसकी शिकायत वह बजरिया थाने में कर चुकी थी, मगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस घटना के लिए वह पुलिस को जिम्मेदार मानती है।
पुलिस अधीक्षक सक्सेना का कहना है कि वह इस बात का पता करेंगे कि युवती ने थाने में शिकायत की थी तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
पीड़ित युवती के सहकर्मी अमोल ने पुलिस के रवैए पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि तेजाब फेंके जाने के बाद रेनू ने उन्हें फोन किया था, वह मौके पर पहुंचे और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने लगे तो पुलिस ने ऐसा करने से रोका, पुलिसकर्मी कह रहे थे कि युवती को पहले थाने ले चलो, ताकि कानूनी प्रकिया पूरी हो सके। वह किसी तरह लड़-झगड़ कर युवती को एक निजी अस्पताल ले गए।
भोपाल के पुलिस उप महानिरीक्षक रमन सिंह सिकरवार ने इस घटना में प्रथम दृष्टया तीन पुलिसकर्मियों की लापरवाही का पाई है, क्योंकि पीड़िता ने 17 मई को बजरिया थाने में शिकायत की थी, मगर कार्रवाई नहीं की गई।
सिकरवार ने बताया कि इस मामले में अशोका गार्डन के उप निरीक्षक रूप सिंह ठाकुर व बजरिया थाने के उप निरीक्षक महिपाल सिंह धुर्वे को निलंबित कर दिया गया है और बजरिया के थाना प्रभारी एम.के. मालवीय को लाइन हाजिर (लाइन अटैच) किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। वह स्वयं निजी अस्पताल पहुंचे और युवती के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि युवती के चेहरे पर जख्म है, उसके इलाज की पूरी व्यवस्था की जाएगी और इलाज पर आने वाले खर्च का वहन सरकार करेगी।
अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि युवती 50 से 55 फीसदी तक जल गई है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। युवती के परिजनों में इस घटना को लेकर गहरा रोष है। वे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।