भोपाल। राजधानी भोपाल में लगातार हो रही तेज बारिश  के कारण भदभदा के 10 गेट खोलने पड़े, भोपाल में पहली बार एक ही दिन में भदभदा, कोलार, केरवा और कलियासोत के गेट खोले गए। बिना पूर्व सूचना के बांधों से पानी छोड़े जाने से हजारों लोगों की जान सांसत में आ गई। कोलांस नदी के उफान में आने से बड़ा तालाब के गेट खोल गए। चंद घंटों में कलियासोत के गेट खोले गए। दोपहर में केरवा तो रात को कोलार के डेम के लबालव होते ही गेट खोल दिए गए। भोपाल की अन्य झीलें शाहपुरा, हथाई खेड़ा डेम भी ओवरफ्लो चल रहे हैं।

सबसे ज्यादा भयावह हालात कोलार के दामखेड़ा में बने। यहां घरों का सामान गलियों में बहता देखा गया। लोग छोटे बच्चों और जरूरी सामान को लेकर परेशान होते रहे। दामखेड़ा के आसपास की कुछ कॉलोनियों में भी मकानों में पानी भर गया। कलियासोत का पानी स्वर्ण जयंती पार्क से होते हुए इंडस एम्पायर में घुस गया। कॉलोनी के कई मकानों में पांच फीट तक पानी भरा हुआ था। कुछ परिवार ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट हो गए हैं। महामाई का बाग और पुष्पा नगर के मकानों में भी फिर पानी भर गया।

दामखेड़ा पहुंचे प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सुबह उन्होंने एसडीएम राजेश गुप्ता को कहा था कि अब कलियासोत के गेट खुलना तय हैं। इन झुग्गियों को खाली करा लीजिए। गुप्ता मौके पर आए और सिर्फ भ्रमण करके चले गए। प्रशासन की लापरवाही के कारण दामखेड़ा बस्ती की 400 झुग्गियां डूब गयी, डैम के गेट खोलने से पहले न तो चेतावनी दी, न ही इन झुग्गियों को खाली कराया गया। कलियासोत का पानी स्वर्ण जयंती पार्क से होते हुए इंडस एम्पायर में घुस गया। कॉलोनी के कई मकानों में पांच फीट तक पानी भरा हुआ था। कुछ परिवार ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट हो गए हैं। महामाई का बाग और पुष्पा नगर के मकानों में भी फिर पानी भर गया।

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