भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल एवं इदौर मेट्रो प्रोजेक्ट राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे अगले 3-4 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्य को गति प्रदान करने के लिए ज्वाइंट वेन्चर बोर्ड के गठन, भोपाल एवं इंदौर मैट्रोपोलिटन क्षेत्र को अधिसूचित करने तथा भूमि अधिग्रहण आदि के संबंध में कार्रवाई तत्परता के साथ की जाए। प्रोजेक्ट का कार्य तेज गति एवं पूरी गुणवत्ता के साथ किया जाए।
मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश मेट्रो संबंधी कार्य की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव मनोज गोविल, प्रमुख सचिव नीतेश व्यास आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि नागपुर मेट्रो का कार्य तेजी से हुआ है। वहां हुए कार्य का अध्ययन करें तथा मध्यप्रदेश में मेट्रो निर्माण कार्य को गति प्रदान करें।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार, भारत सरकार एवं म.प्र. मेट्रो रेल कंपनी के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी केन्द्र एवं राज्य सरकार की, बोर्ड द्वारा संचालित 50 : 50 संयुक्त उपक्रम कंपनी (ज्वाइंट वेंचर कंपनी) के रूप में परिवर्तित हो जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने इस संबंध में कार्रवाई शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए।
भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की कुल लागत 14442 करोड़ 20 लाख रूपये है, जिसमें भोपाल मेट्रो की लागत 6941 करोड़ 40 लाख एवं इंदौर मेट्रो की लागत 7500 करोड़ 80 लाख रूपये है।
मेट्रो कार्य के लिए अभी तक मेट्रो कंपनी को मध्यप्रदेश सरकार से 248 करोड़ 96 लाख रूपये तथा भारत सरकार से 245 करोड़ 23 लाख रूपये वित्त प्राप्त हुआ है। इसमें से मेट्रो कार्य पर अभी तक 138 करोड़ 58 लाख रूपये व्यय किए जा चुके हैं।
बताया गया कि भोपाल मेट्रो के अंतर्गत एम्स से सुभाषनगर तक का कार्य अगस्त 2023, सुभाष नगर से करोंद चौराहे तक का कार्य दिसम्बर 2024 तक तथा भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहे तक का कार्य मई 2024 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार इंदौर मेट्रो के अंतर्गत गांधी नगर से मुमताज बाग तक का कार्य अगस्त 2023 तक, मुमताज बाग से रेल्वे स्टेशन तक का कार्य जुलाई 2024 तक तथा गांधीनगर से रेल्वे स्टेशन तक का कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रमुख सचिव नीतेश व्यास ने बताया कि भोपाल एवं इंदौर दोनों शहरों में मेट्रो के अंतर्गत प्रायोरिटी कॉरिडोर बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। प्रायोरिटी कॉरिडोर्स पर 5 से 6 स्टेशन आएंगे। भोपाल में 6.3 कि.मी. लंबा तथा इंदौर में 5.2 कि.मी. लंबा प्रायोरिटी कॉरिडोर बनना है।