ग्वालियर। भिण्ड जिले में खनन माफियाओं द्वारा काफी लंबे समय से जिले की मुरम, पत्थर एवं रेत की कुल 49 रेत खदानों में से 38 से पोकलेन मशीनों व अन्य संसाधनों के जरिए खुलेआम अबैध खनन किया जा रहा है। प्रतिदिन लगभग 90 से 95 लाख रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है, जिसे रोक पाने में प्रशासन पूरी तरह असफल साबित हो गया है। अबैध खनन के दौरान आए दिन न केवल फायरिंग की घटनाऐं हो रही है बल्कि एक वर्ष में तीन हत्यायें भी हो चुकी है। अबैध हथियारों व आधुनिक मशीनों से लैस खनन माफिया राजनैतिक रसूख की दम पर खदानों के आसपास के खेतों से ट्रक व डंपर निकालकर किसानों की फसलें भी उजाडते आ रहे है। पीडित किसानों द्वारा कई बार खनिज विभाग के अलावा सीधे जिला कलेक्अर को शिकायत की। फिर भी रेत के अबैध परिवहन पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है।
खनिज विभाग द्वारा कंपनियों को रेत पत्थर और मुरम की खदान को लीज पर दिया जाता है लेकिन भिण्ड के खनन माफियाओं के भय से कंपनी अपने कारिन्दों से काम नहीं कराती बल्कि संबंधित कंपनी द्वारा स्थानीय खनन माफियाओं को टुकडों में ठेका दे दिया जाता है जिनके भय से दीगर ठेकेदार या कंपनी द्वारा खनन करना आसान नहीं है। यहां बता दें कि गोरम रेत खदान के पास एक माह पूर्व एक 20 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी वहीं रौन थाना क्षेत्र में निवसाई रेत खदान पर दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
19 अगस्त 2013 में खनन माफियाओं के खिलाफ भिण्ड के तत्कालीन कलेक्टर एम. सिबि चक्रवर्ती द्वारा भिण्ड-इटावा मार्ग पर बरही के पास रेत के अबैध भण्डारण को सील करते हुए संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध दो अरब 63 करोड 18 लाख 76 हजार रुपए का जुर्माना किया था। उसके बाद से एक भी ऐसी कार्यवाही नहीं हो पाई है, जिला प्रशासन सील किए गए उक्त भण्डारण की ठीक से सुरक्षा भी नहीं कर पाया नतीजतन साढे तीन माह पूर्व उसी भण्डारण को डंपरों द्वारा लूटने का प्रयास किया गया। घटना के बाद अभी तक असल आरोपियों के खिलाफ कोई सार्थक कार्यवाही नहीं हो पाई है।
भिण्ड जिले के नयागांव थाना क्षेत्र के ओझा गांव की रेत खदान पर अबैध रुप से रेत निकलने पर दो दिन पूर्व कलेक्टर मधुकर आग्नेय, पुलिस अधीक्षक विनीत खन्ना, खनिज विभाग के अफसरों व एक दर्जन अधिकारियों व एक सैकडा पुलिस जवानों के साथ मौके पर पहुंचे और यहां से रेत से भरे 17 ट्रक, दो पोकलेन मशीन, एक पनडुब्बी मशीन के साथ भारी मात्रा में डंप किया गया रेत जप्त किया था। प्रशासन की छापामार कार्यवाही लीक हो जाने से रेत माफिया के कारोबारी मौके से भाग गए थे। इतना सब होने के बाद भी राजनैति दबाव के कारण जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही को अंजाम नहीं दिए जाने से जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवं बसपा नेता संजीव सिंह कुशवाह ने नाराजी जाहिर की है। संजीव सिंह कुशवाह ने पत्रकारों को बताया कि भिण्ड का जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन भाजपा नेताओं के दबाब में काम कर रहा है। भाजपा के स्थानीय विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह, उनके परिवारीजन व रिश्तेदार अबैध रुप से रेत खनन में शामिल है।
संजीव सिंह कुशवाह ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है जिसमें कहा गया है कि अबैध माइनिंग करते हुए मौके से जप्त वाहन व मशीनों को राजसात किया जाए,, खनिज विभाग के अमले से रेत खनन वाले क्षेत्र का मेजरमेंट कराया जाए, कि अभी तक कितना खनन हुआ है और राजस्व को अभी तक कितनी राजस्व क्षति हुई है। इस राजस्व की क्षतिपूर्ति संबंधितों से बसूल की जाए, उनके विरुद्ध शासकीय संपति की चोरी, अबैध मानिंग व अमानत में खयानत के अपराध दर्ज कराए जाऐं। बडे पेमाने पर हो रहे अबैध खनन के पीछे छिपे बडे लोगों की जांच कर उनके नाम उजागर किए जाएं। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो बडा आन्दोलन करेंगे।
कलेक्टर मधुकर आग्नेय ने कहा है कि रेत खदान का निरीक्षण किया गया था। वहां बडी कार्यवाही की है। इसकी जांच चल रही है। जांच के बाद ही नामों का खुलासा किया जाएगा।