ग्वालियर। भिण्ड जिले में किस कदर स्कूलों में हजारों बोगस छात्रों को दर्ज दिखाकर मुत किताबें, यूनीफार्म, सायकिल तथा सरकारी छात्रवृति आदि हितलाभ हडपे गए है। इस फर्जीवाडे का खुलासा जिला शिक्षा केन्द्र के द्वारा हाल ही में कुल मेप किए गए स्कूली छात्रों और पोर्टल पर रजिस्टर्ड हुए छात्रों के डाटा के विश्लेषण में हुआ है। 11 मई 2105 की स्थिति में जिले के सभी छह विकास खण्डों के शासकीय स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं तक की कक्षाओं में मेपिंग वाले छात्रों की संख्या 1.59 लाख पाई गई है, जबकि पोर्टल पर केवल 1.08 लाख छात्र ही रजिस्टर्ड हुए हैं। नियमानुसार जितने छात्र मेपिंग में दर्ज हैं, उतने ही पोर्टल पर भी पंजीकुत होना चाहिए, लेकिन यहां 55 हजार 791 छात्र बोगस पाए गए है, जिनका पोर्टल पर पंजीयन नहीं कराया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ दीपक कुमार पाण्डे ने इस फर्जीवाडे में शामिल स्कूलों के खिलाफ जांच के आदेश दिए है। साथ ही इस बात की पडताल करने के भी अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए है कि बोगस छात्रों की स्कूलों द्वारा नगरीय निकायों में आईडी किस तरह बन गई और उनके नाम पर स्कूलों द्वारा क्या-क्या और कितना हितलाभ प्राप्त किया गया।
इस फर्जीवाडे में नगरीय निकायों की भूमिका को भी शिक्षा विभाग संदिग्ध मान रहा है। राज्य सरकार द्वारा अब स्कूलों में दर्ज हर हितग्राही छात्र को किसी भी शासकीय योजना का लाभ लेने के लिए उसके नाम की नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों से आईडी (पहचान संख्या) बनवाना जरुरी कर दिया है। इसी आईडी को हितग्राही मूलक योजना के लिए आवेदन करने पर छात्र को ऑनलाइन पोर्टल पर एन्ट्री करना होता है, जो छात्र के अन्य व्यक्तिगत विवरण से मैच न करने पर छात्र संदिग्ध या बोगस की श्रेणी में मान लिया जाता है।
जिला शिक्षा अधिकारी एवं डीसीपी जिला शिक्षा केन्द्र भिण्ड डॉं. दीपक कुमार पाण्डेय ने बताया कि भिण्ड जिले के सरकारी प्राइमरी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूलों तक में विकासखण्ड बार मेपिंग व पोर्टल पर पंजीयन के बाद सबसे ज्यादा 15 हजार 388 बोगस छात्र मेहगांव विकास खण्ड में पाए गए है। अटेर विकास खण्ड में 8682, भिण्ड विकास खण्ड में 7089, गोहद में 9049, लहार में 1010 और रौन विकास खण्ड में 5473 बोगस छात्र पाए गए है। यह आंकडा मध्यप्रदेश एज्युकेशन पोर्टल पर स्कूलों द्वारा छात्रवृति के लिए दर्ज कराया गया है। एज्युकेशन पोर्टल पर कक्षा एक से 8वीं तक कुल मेपिंग युक्त छात्रों की संख्या 1.76 लाख तथा 9वीं से 12वीं तक लगभग 80 हजार बताई गई है। इस तरह अगर एज्युकेशन पोर्टल पर दर्ज छात्रों की कुल संख्या लगभग 2.50 लाख को सही माने, तो संदिग्ध तथा बोगस छात्रों का आंकडा एक लाख तक पहुंच सकता है।
जिला शिक्षा अधिकारी एवं डीसीपी जिला शिक्षा केन्द्र भिण्ड डॉं. दीपक कुमार पाण्डेय ने बताया कि भिण्ड जिले में मेप्ड तथा पोर्टल पर रजिस्टर्ड छात्रों की संख्या में 56 हजार से अधिक का अंतर है, इससे जाहिर होता है कि छात्रों की यह संख्या फर्जी है, इसके हितलाभ भी स्कूलों ने गलत तरीके से प्राप्त किए है। इस फर्जीवाडे में नगरीय निकायों की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। पूरी बारीकी से जांच करा रहे है, दोषियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जायेंगे।