ग्वालियर। भिण्ड को देश के सबसे गंदे शहर का तमगा मिलने के बाद नेताओं और अधिकारियों में चेतना जाग्रत हुई है या नहीं, यह तो पता नहीं पर बच्चों ने जरुर अपने शहर को इस हाल से उभारने के लिए मुहिम शुरु कर दी है। इस मुहिम के तहत एक निजी स्कूल के सैकडों बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पत्र लिखे है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम लिखे गए पत्रों में बच्चों ने उन्हें मामाजी संबोधित करते हुए लिखा है कि अब उन्हें शहर को दुर्दशा से उबारने की उन्हीं से उम्मीद रह गई है। क्योंकि स्थानीय नेताओं और अधिकारियों ने लंबे समय से शहर की अनदेखी की है जिससे वर्तमान में कोई गली-मोहल्ला ऐसा नहीं है जो गंदगी से सरावोर न हो यहां तक शहर की ऑफीसर कालोनी जिसमें जिले के अधिकांश अधिकारी निवास करते है गंदगी का दंश झेल रहे है। पत्र में कहा है कि आज शहर के पार्क से लेकर गलियों में कीचड पसरा हुआ है। बच्चों ने स्वच्छता अभियान को कागजों में न चलाते हुए धरातल पर चलाए तो उसका लाभ जनता को मिल सके। बच्चे अब गली-गली और घर-घर में जाकर लोगों को भी जागरुक करेंगे।
भिण्ड जिले के प्रभारी कलेक्टर आरपी भारती ने कहा कि यह वास्तव में शर्म की बात है कि चंबल संभाग के भिण्ड जिले को देश के गंदे शहर का दर्जा मिला है इसके लिए मुख्य रुप से नगरपालिका पहले नम्बर पर जिम्मेदार है। नगरपालिका भिण्ड के सीएमओ आरएस छारी का उन्होंने दो माह से चेहरा नहीं देखा है। उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए च्रबल कमिश्नर शिवानंद दुबे को पत्र लिखा गया है। भिण्ड जिला ऐसा है जहां उसके ऊपर दाग लगा ही रहता है पहले डकैतों के नाम से बदनाम था अब गंदगी का दाग लग गया यह एक शर्म की बात है।
नगरपालिका परिषद भिण्ड की अध्यक्ष श्रीमती कलावती ने बताया कि शहर को हरहाल में साफ सुथरा बनायेगें। शहर में कचरा डालने के लिए डस्टबिन रखे जायेंगे। भिण्ड को मॉडल बनाने के लिए नगरपालिका की एक टीम को मैसूर भेजा जायेगा जो वहां का मॉडल देखकर उसी की तर्ज पर भिण्ड शहर का विकास किया जाएगा। भिण्ड की तस्वीर 6 माह में बदलकर रहूॅंगी।