ग्वालियर। मध्यप्रदेश में अराजकता, भ्रष्टाचार तथा जनता की लूट का राज्य कायम हो गया है। भिण्ड जिले में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, सत्ता के संरक्षण में प्रशासनिक अधिकारी व भाजपा नेता संसाधनों की संगठित लूट व भ्रष्टाचार में संलग्न है। भ्रष्टाचार की एक गंगा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के भोपाल निवास से निकलती है तो दूसरी जिला कलेक्टर कार्यालय से। यह आरोप मध्यप्रदेश विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष एवं भिण्ड के कांग्रेस विधायक चौधरी राकेशसिंह के निवास पर आज आयोजित की गई पत्रकार वार्ता में जिले के तीनों कांग्रेस विधायकों डा. गोविन्दसिंह, चौधरी राकेशसिंह एवं रणवीर जाटव ने लगाये है। विधायकों ने भिण्ड जिले की बिगडी कानून व्यवस्था, प्रशासनिक लूट, अबैध खनन, भण्डारण, ओव्हरलोड परिवहन, पीडीएस की साम्रगी के वितरण में भ्रष्टाचार, फीडर सेपरेशन , बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा केन्द्र निर्धारण में हुए भ्रष्टाचार व जिले में चल रही कागजी नल जल योजनाओं के विरुद्ध एक वृहद जनांदोलन छेडने का भी एलान किया है।
डा. गोविन्दसिंह ने कहा कि जिले में रेत के अबैध उत्खनन, अबैध भण्डारण व ओव्हरलोड परिवहन के कारण नदियों की सभी स्वीकृत रेत खदानों का 90 प्रतिशत रेत पूरी तरह समाप्त हो चुका है। खनन माफिया ऐसे स्थानों से रेत का उत्खनन कर रहे है, जहां खदान स्वीकृत नहीं है। इस कारगुजारी से जिले की ग्रामीण सडकें व नदी पुल टूट रहे है। बीतें दो सालों में इस संबंध में कार्यवाही करने के लिये उन्होंने जिला कलेक्टर को 22 पत्र लिखे हैं पर उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
चौधरी राकेशसिंह ने कहा कि भिण्ड जिले के बरही और अटेर के बीहडों में उघोग लगाने के लिये उघोगपतियों ने साफ मना कर दिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री उन्हें सुरक्षा व अन्य संसाधन मुहैया करा पाने का भरोसा दिला पाने में नाकाम रहे है।
विधायक त्रय ने कहा कि उन्होंने जिले में स्वच्छ प्रशासन व कानून के राज की स्थापना के लिये रणनीति तैयार कर ली है। विधानसभा सत्र के समापन के बाद जिले की जनता के साथ सडकों पर उतरकर जोरदार संघर्ष किया जायेगा।