ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के रौन थाने में पदस्थ हवलदार रामकुमार शुक्ला आत्महत्या कांड में पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह भी रौन टीआई सुरेन्द्र सिंह गौर की तरह दोषी हैं। पुलिस अधीक्षक के रहते आत्महत्या कांड की जांच ईमानदारी से नहीं होगी। मुझे मालूम है आप पुलिस अधीक्षक पर कार्यवाही के लिए सक्षम नहीं हैं। पुलिस अधीक्षक को हटाने की रिकमण्ड कीजिए। ज्यूडिशियल जांच के लिए लिखिए। अगर 2 दिन में पुलिस अधीक्षक को हटाने की रिकमण्ड नहीं की तो पीडि़त परिजन के साथ आपके दफ्तर के बाहर धरने पर बैठूंगा। यह बात भिण्ड जिले के अटेर से कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने रौन थाने के घेराव और धरने के दौरान मोबाइल से बातचीत में चंबलरेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) उमेश जोगा से कही। आईजी से मिले आश्वासन के बाद ढाई घंटे से जारी घेराव खत्म हुआ। रौन थाने में हवलदार के बेटे आकाश शुक्ला की ओर से पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह और टीआई सुरेंद्र गौर पर एफआईआर के लिए आवेदन दिया गया।
2 अक्टूबर को रौन थाने में पदस्थ हवलदार रामकुमार शुक्ला ने टीआई सुरेंद्र सिंह से सफाई के विवाद के बाद सल्फॉस खा लिया था। ग्वालियर में इलाज के दौरान देर रात हवलदार की मौत हो गई थी। कल हवलदार शुक्ला का बेटा आकाश शुक्ला रौन थाने में एसपी और टीआई पर एफआईआर कराने अटेर विधायक हेमंत कटारे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. रमेश दुबे के साथ पहुंचे थे। जहां कांग्रेस नेताओं ने थाने का घेराव कर ढाई घण्टे तक थाना परिसर में धरना दिया। इस अवसर पर विधायक हेमंत कटारे ने कहा कि हवलदार रामकुमार शुक्ला की मौत का मामला निष्कर्ष तक हर हाल में पहुंचेगा। हमने आईजी को दो दिन का समय दिया है। अगर पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह और टीआई सुरेन्द्र सिंह गौर के खिलाफ एफआईआर नहीं होती है और न्यायिक जांच शुरू नहीं होती है तो हम या तो ग्वालियर में आईजी के यहां तंबू लगाएंगे, या प्रदेश के गृहमंत्री के निवास पर भोपाल में धरना देंगे।
4 अक्टूबर को आईजी चंबलरेंज के निर्देश पर मुरैना एएसपी अनुराग सुजानिया जांच के लिए भिण्ड आए। परिजन ने एएसपी से जांच कराने से यह कहते हुए इनकार किया कि एसपी की जांच एएसपी कैसे करेंगे। एएसपी की ओर से भेजा गया नोटिस भी परिजन ने वापस कर दिया।
थाने पर मौजूद एडिशनल एसपी राजेंद्र वर्मा व डीएसपी मुख्यालय राकेश छारी मौजूद थे। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में जांच चल रही है। जांच में जो निष्कर्ष निकलेगा, उसी के अनुसार कार्यवाही होगी।