ग्वालियर। श्रीमद भागवत कथा व्यास कागशिलाा पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंत वैष्णवी साध्वी सुश्री प्रज्ञा भारती ने आज कथा के समापन दिवस पर सुदामा चरित्र , राधा-कृष्ण चरित्र का वर्णन करते हुए कथा को विस्तार से कहते हुए कहा कि भाव में अभाव होतो प्रभाव समाप्त हो जाता है। इस मौके पर सुदामा चरित्र का कलाकारों द्वारा मंचन किया गया।
श्रीमद भागवत कथा भगवान की आरती पापियों के पाप को है तारती आरती व पूजा न्यास के संरक्षक एवं स्वागताध्यक्ष डॉ. सतीश सिंह सिकरवार , पंडित विजय कब्जू , डॉ. राम पांडे, सहित अन्य भक्तों ने किया। संचालन सुनील जैन ने किया। इस अवसर पर फूलबाग में उमडी भीड ने पुष्प वर्षा की। श्रीमदभागवत कथा को सुनाते हुए साध्वी प्रज्ञा भारती ने कहा कि कहा कि भगवान के दर्शन श्रीमद भागवत पुराण में होते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान भाव के भूखे होते हैं। और जिसके भाव में अभाव होता है , उसका प्रभाव समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि बहुत दूर से कथा का श्रवण करने आए हैं उनके मन के अच्छे भाव को दर्शाता है। भाव में ही भगवान का वास होता है। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण का विवाह रूकमणी से जरूर हुआ , मगर श्रीकृष्ण भगवान का परिचय रूकमणि से नहीं राधा से है और श्रीकृष्ण भगवान ने राधा मईया की मांग भरी थी। साध्वी प्रज्ञा भारती ने श्रीकृष्ण सुदामा की कथा का विस्तार से वर्णन किया और कहा कि मित्रता तो कृष्ण सुदामा की तरह होना चाहिये।
साध्वी प्रज्ञा भारती ने किया बुजुर्ग महिला व पुरूषों का सम्मान
श्रीमदभागवत कथा के दौरान साध्वी प्रज्ञा भारती ने मंच पर शहर के अनेक बुजुर्ग महिला एवं पुरूषों का तिलक लगाकर व माला पहनाकर सम्मान किया।
शंख बजा तो खिंचा सन्नाटा
श्रीमद भागवत कथा की आरती के दौरान शहर के विक्रम राणा ने मंच पर शंख फूंकना शुरू किया तो कथा स्थल पर सन्नाटा ख्ंिाच गया। साध्वी प्रज्ञा भारती ने देखा कि पांच मिनिट से ज्यादा का समय हो गया , तब उन्होंने ईशारा कर शंख बजाना बंद करवाया। राणा का २०-२५ मिनट तक शंख बजाने का रिकार्ड है।
कथा स्थल पर आज होगा हवन और भंडारा
श्रीमद भागवत कथा के समापन पर १९ सितंबर को १०८ हवनकुंडों पर हवन प्रात: सात बजे से शुरू होगा , जो दोपहर १२ बजे तक चलेगा। इसी दिन शाम को चार बजे से भंडारा शुरू होगा जो देर रात तक चलेगा।