नई दिल्लीः रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 अक्तूबर को भारत के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। अपनी भारत यात्रा के दौरान पुतिन कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इतना ही नहीं रूस का भारत के साथ सैन्य-तकनीकी सहयोग मुख्य एजेंडा होगा। सूत्रों के मुताबिक एस-400 मिसाइल सौदे पर भी अंतिम मुहर लग सकती है।
हालांकि रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यह सच है कि सैन्य-तकनीकी सहयोग रूसी राष्ट्रपति के मुख्य एजेंडे में शामिल रहेगा लेकिन एस-400 मिसाइलों की बिक्री पर उन्होंने कहा कि मैं इस संबंधी अभी कोई विस्तृत विवरण साझा करने में असमर्थ हूं। दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि पुुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बिजनेस फोरम में भी शामिल होंगे।
एस-400 मिसाइल की खासियत
एस-400 लंबी दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली में दुश्मनों के लड़ाकू विमान गिराने की क्षमता है। यह मिसाइल 400 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन को आसमान में ही खत्म कर सकता है। इतना ही नहीं एस-400 में अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी ताकत है। एस-400 चीन के पास भी है, उसने भी रूस से ही इसे खरीदा है। उल्लेखनीय है कि भारत और रूस के बीच एस-400 के सौदे का ऐलान गोवा में साल 2016 में BRICS समिट के इतर पीएम मोदी और पुतिन के बीच बातचीत के बाद हुआ था।