भोपाल।  भारत तभी आत्मनिर्भर होगा, जब राज्य आत्मनिर्भर होंगे। हम सभी को मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करना है। मोदीजी हर चुनौती को अवसर में बदलना जानते हैं।

यह बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को वेबिनार में कही। यह आयोजन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ‘भौतिक अधोसंरचना के विकास’ पर आयोजित किया गया था। इस वेबिनार में मध्यप्रदेश के विकास का रोडमैप पर चर्चा हुई। इसमें कई विभागों के मंत्री और बड़े अधिकारी भी जुटे थे।

चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्रीजी ने जो मंत्र दिया है वो है आत्मनिर्भर भारत। तभी मेरे मन में विचार आया कि भारत आत्मनिर्भर तब बनेगा, जब राज्य आत्मनिर्भर बनेगा। चौहान ने कहा कि मोदीजी हर चुनौती क अवसर में बदलना जानते हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हर सेक्टर में मध्यप्रदेश सबसे आगे कैसे हो इसका हमें प्रयास करना है। चौहान ने कहा कि कोविड भी इस समय चुनौती बनकर खड़ी है। हम हर स्थिति से निपटने रहे हैं। हम आने वाले तीन साल में मध्यप्रदेश को कैसे आत्मनिर्भर बनाएंगे, इसका रोडमैप बना रहे हैं। इसमें सभी को टारगेट रहेगा, जिसे साल में कितना, छह माह में कितना और तीन माह का भी टारगेट तय किया जाएगा। जल्द ही पूरा रोडमैप बनाकर सभी के सामने लाएंगे।

चौहान ने कहा कि चंदेरी, महेश्वरी साड़ियों के अलावा ब्लॉक प्रिंटिंग, जरदोजी आदि के उत्कृष्ट उत्पादों के लिए मध्यप्रदेश को पूरी दुनिया में जाना जाता है। हमारे कुक्षी एवं मनावर की नेचुरल डाई प्रिंटिंग बेजोड़ मानी जाती है। हम महिला कारीगरों के लिए लोन देने का काम कर रहे हैं।

चौहान ने कहा कि हमने श्रम सुधार की दिशा में काम किया। हमारी सरकार किसानों के लिए काम कर रही है। हमारे यहां महेश्वर, चंदेरी साड़ी बनती है। हमने महिला कारीगरों के लिए कम ब्याज पर लोन देने का फैसला लिया।

इन बातों पर हुई चर्चा

निजी भूमि पर वृक्ष लगाकर वनीकरण को बढ़ाने देना।
लघु कुटीर उद्योग की स्थापना।
ग्रामों में शिक्षा की गुणवत्ता को दुरुस्त करना।
कच्चे मालों की खान का उचित उपयोग आत्मनिर्भर भारत के लिए होगा।
इसके अलावा जल, पर्यटन, ऊर्जा, सड़क, परिवहन और शहरी विकास के विषयों पर चर्चा हुई।

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