इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना ने कहा कि भारत के साथ जंग की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि दोनों ही देश परमाणु शक्तियां हैं. हालांकि, पाक ने चेतावनी दी है कि शांति की उसकी इच्छा को उसकी कमजोरी के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिये. पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भारत पर 2018 की शुरुआत से अब तक 1077 बार सीज़फायर उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
गफूर ने कहा, ‘‘रक्षा और शांति की हमारी इच्छा को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिये.’’ उन्होंने कहा, ‘‘युद्ध तब होता है जब कूटनीति विफल होती है.’’ उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय मुद्दों पर एक-दूसरे के संपर्क में रहे लेकिन भारत बातचीत से पीछे हट गया. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीयों को यह समझना चाहिये कि वो (भविष्य) में कहां जाना चाहते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों परमाणु शक्तियां हैं और जंग की कोई गुंजाइश नहीं है.’’
गफूर ने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय गोलीबारी का जवाब नहीं दिया था. उसने 2003 के संघर्ष विराम समझौते का पालन करने के लिये पिछले सप्ताह दोनों देशों की सेनाओं के बीच बनी सहमति का पालन किया. लेकिन उनके मुताबिक भारत ने जब पाकिस्तान के आम नागरिकों को निशाना बनाया तब पाक जवाब देने पर मजबूर हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारत पहली गोली दागता है और कोई नुकसान नहीं पहुंचता है तो हम जवाब नहीं देंगे. अगर भारत दूसरी गोली चलाता है तो हम माकूल जवाब देंगे.’’
गफूर के मुताबिक भारतीय बलों द्वारा कामकाजी सीमा से लगे गांवों पर की गई गोलाबारी में एक महिला और एक नाबालिग लड़की की मौत हुई थी जबकि चार बच्चों और आठ महिलाओं समेत 24 अन्य घायल हुए थे. गफूर ने कहा कि पाकिस्तान संघर्ष विराम समझौते का पालन चाहता है. 2014 से अब तक पाकिस्तान 3400 से ज्यादा बार सीजफायर तोड़ चुका है
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 2014 के बाद से आतंकी हमलों की 1150 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं. राज्य में आतंकी हमले की 2014 में 222 और 2015 में 208 घटनाएं हुई थीं, जबकि 2016 में ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़कर 322 और 2107 में 342 पर पहुंच गई. इन आतंकी हमलों में 2014 से अब तक भारतीय सुरक्षा बलों के 300 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं.
इस दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने कार्रवाई करते हुए 658 आतंकियों को मार गिराया. 2014 से अब तक पाकिस्तान 3400 से ज्यादा बार सीजफायर तोड़ चुका है. 2018 में ऐसी घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ी हैं. इस साल 23 मई तक ही सीजफायर तोड़ने की 1088 घटनाएं हो चुकी थीं. सीजफायर तोड़कर हुए पाकिस्तानी हमलों में 2014 से अब तक देश के 67 जवान शहीद हो चुके हैं.