डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच बयानबाजी तल्ख होने के साथ ही सरहदी इलाकों में चीनी फौज का अतिक्रमण बढ़ गया है। ताजा घटना उत्तराखंड के बाराहोती इलाके की है। चीनी सेना के तीन लड़ाकू हेलिकॉप्टर भारतीय हवाई सीमा का अतिक्रमण कर 18 किलोमीटर भीतर तक घुस आए। तीनों हेलिकॉप्टर पांच मिनट तक भारतीय सीमा में मंडराते रहे। बाराहोती में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के अग्रिम मोर्चों पर तैनात अधिकारियों-जवानों की चेतावनी के बाद ये हेलिकॉप्टर वापस लौट गए। इसके अलावा उपग्रह तस्वीरों से पुष्टि हुई है कि चीन ने सियाचिन सीमा के पास शक्सगम घाटी में 36 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई है और उसने इस सड़क पर सेना के दो पोस्ट भी बना लिए हैं। भारत ने इस निर्माण पर लिखित विरोध दर्ज कराया है।
रक्षा मंत्रालय के अफसरों के अनुसार, बाराहोती में चीनी हेलिकॉप्टरों की घुसपैठ की यह घटना 10 मार्च को हुई। रक्षा मंत्रालय ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए सोमवार को सेना को सुझाव दिया कि फ्लैग बैठक बुलाकर चीन से आधिकारिक आपत्ति जताई जाए। दस मार्च को हुई इस घटना के बारे में आइटीबीपी ने रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी है। भारत की सीमा में चीनी हेलीकॉप्टर करीब 18 किलोमीटर तक भीतर घुस आए थे। इस इलाके में बीते साल 25 जुलाई को चीनी सेना के 200 जवान एक किलोमीटर भीतर घुस आए थे और भारतीय चरवाहों को इलाका छोड़ने के लिए धमकाया था।
आइटीबीपी के अनुसार, चीन की सीमा से सटे बाराहोती इलाके में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। यहां होतीगाड़ के साथ ही कई छोटे-बड़े नाले पाले से जम गए हैं। दूर-दूर तक फैली चोटियों पर भी बर्फ जमी हुई है। इस दौरान चीनी फौज अक्सर हवाई सीमा का अतिक्रमण कर रही है। एक महीने में चौथी बार अतिक्रमण की घटना हुई है। उत्तराखंड के बाराहोती के अलावा लद्दाख के ट्रैक जंक्शन, लद्दाख के ही बुतर्से और देपसांग में भी घुसपैठ की घटनाएं हो चुकी हैं।