भोपाल। मध्यप्रदेश के पन्ना से भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की विधायकी के लिए खतरा खड़ा हो गया है। तहसीलदार से मारपीट के एक मामले में कोर्ट ने भाजपा विधायक को दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद विधानसभा सचिवालय ने कोर्ट के फैसले की कॉपी मंगाई है, जिसके परीक्षण के बाद भाजपा विधायक की सदस्यता को लेकर फैसला होगा।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के तहत किसी भी सासंद या विधायक को निचली अदालत से दोषी करार दिए जाने के बाद उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है। कोर्ट के फैसले के तहत दो साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर जनप्रतिनिधियों की सदस्यता बरकरार नहीं रह सकती है। बता दें, भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है।

विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि कानून के तहत दो साल की सजा पर सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश विधानसभा ने अब कोर्ट के इस फैसले को भाजपा विधायक के खिलाफ हथियार बनाने की तैयारी कर ली है। विधानसभा सचिवालय ने पवई विधायक के मामले में कोर्ट के फैसले की कापी का परीक्षण शुरू कर दिया है और अगर निचली कोर्ट का फैसला भाजपा विधायक को अयोग्य ठहराने के दायरे में आया तो भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है और विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म हो सकती है।

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