भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी की नई टीम को लेकर तैयारी अपने अंतिम चरण में है, जिसे लेकर संगठन स्तर पर कवायदों का दौर जारी है। पार्टी के आंतरिक सूत्रों की मानें, तो इस बार प्रदेश बीजेपी का संगठन एक अलग रूप में सामने आ सकता है, और वीडी शर्मा अपनी नई कार्यकारिणी में हर वो प्रयोग करते हुए नजर आएंगे, जो अब तक के इसके सबसे अलग स्वरूप को सामने रखेगा। माना यह भी जा रहा है, कि अधिक से अधिक नेताओं को एडजस्ट करने के लिए यह कार्यकारिणी पिछली कार्यकारिणी से काफी अधिक विस्तारित भी होगी। माना यह भी जा रहा है, कि इस बार प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश सचिव जैसे प्रमुख पदों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। वहीं चार नए संभागीय संगठन मंत्रियों की नियुक्ति भी की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में चार संगठन मंत्रियों पर दो-दो संभागों के दायित्व हैं। 


बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी का मई के बाद कभी भी घोषित होना तय माना जा रहा है, जिसमें जानकारों का कहना है, कि कार्यकारिणी में क्षेत्रीय, जातिगत, युवा, महिला एवं अनुभवी कार्यकर्ताओं के समन्वय और आगामी विधानसभा उप चुनाव को लेकर मंथन का दौर भी अपने अंतिम चरण में है और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा इसे लेकर लगातार प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत सहित अन्य सभी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर रहे हैं। शर्मा की कोशिश है, कि कार्यकारिणी एक बार में ही घोषित हो, तथा बाद में इसमें कोई बदलाव न करना पड़े। हालांकि पहले की तरह प्रदेश कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित सदस्य बढ़ाए जा सकेंगे।  


लॉकडाउन के तीसरे चरण की समाप्ति अर्थात 17 मई के तुरंत बाद संभावित भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी में जहां जातिगत और क्षेत्रीय सामंजस्य बैठाया जाएगा, वहीं इस कार्यकारिणी में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सुझाए गए कुछ खास समर्थकों को भी प्रमुख स्थान मिलना तय है। संभव है कि सिंधिया समर्थक किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता को प्रदेश महामंत्री या प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण दायित्व दिया जाएगा, इसके लिए सिंधिया खेमे से आए सीनियर नेताओं के नामों पर विचार भी अंतिम चरण में है। 


इस वक्त बीजेपी के सामने अपने उन नेताओं को भी उपकृत करने का दबाव है, जिनका पार्टी में काफी सीनियर कद है, लेकिन वह 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों से हार गए थे। ऐसी कई सीटों पर फिर से चुनाव होने हैं, जहां कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। ऐसे में संबंधित नेता को साधने के लिए पार्टी उसे संगठन में अहम जिम्मेदारी प्रदान कर सकती है। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है, कि ऐसे कुछ नेताओं को निगम मंडल में नियुक्ति देने का मसौदा भी लगभग तय हो गया है, और निगम मंडल संबंधी जिम्मेदारी उपचुनाव के पहले ही उन्हें सौंपी जा सकती है।

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