गुना। मध्यप्रदेश के राजगढ कलेक्टर पर भाजपा नेताओं की टिप्पणी से दुखी गुना कलेक्टर भास्कर लक्षकार ने फेसबुक पर लंबी पोस्ट लिखकर दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों पर कोई भी कुछ भी आरोप लगा देता है और वे कुछ नहीं कर पाते। डकैत आपके बारे में न्यायाधीश बने फिरते हैं।
दिग्गज वक्ताओं की टिप्पणी में जरूर कोई राष्ट्रप्रेम वाली बात छिपी होगी। हो यह गया है कि जिसका जो मन आता है, आप पर (आप यानी अफसर कलेक्टर या एसपी ही नहीं बल्कि छोटे साधारण कर्मचारी सब शामिल हैं इसमें) आरोप लगा के हें हें ठें ठें करता निकल जाता है। आप कुढते, उबलते रह जाते हैं, वे सार्वजनिक रूप से झूठ बोल अपमानित करके निकल जाते हैं। वे उन लोगों के पक्ष में सीना ठोक के झूठ बोलते हैं और आपको कोसते हैं जिनकी दिनदहाडे की डकैती और घपलेबाजियां सारा शहर जानता है।
आप अधिकारी हैं इसके विशेष अधिकार तो जो मिलते होंगे सो मिलते होंगे, लेकिन इस ठप्पे के कारण आप तमाम लोगों के निशाने पर बने ही रहते हैं। मजेदार यह है कि डकैत आपके बारे में न्यायाधीश बने फिरते हैं। जिनको यह लग रहा है कि यह एक ‘आइसोलेटेड इंसीडेंट’ है उन्हें क्रोनोलॉजी पढना चाहिए। सार्वजनिक जीवन में मंच से ऐसी बातें पहली बार नहीं कही गई हैं। यह बाकायदा फूलता फलता ट्रेंड है दलगत सीमाओं से परे, पतन की नई ऊंचाइयों को छूने को व्याकुल।
मैं उन तमाम शब्दों, इरादों और हरकतों का विरोध करता हूं, निंदा करता हूं, जो राजगढ में कहे गए। इसे सिर्फ कलेक्टर या अफसर के सम्मान से जोडकर देखना सरलीकरण है। छोटे से छोटा कर्मचारी भी ‘ड्यू रिस्पेक्ट डिजर्व’ करता है, क्योंकि वह कर्मचारी होने के पहले इस देश का नागरिक है।’ इसके साथ उन्होंने नीचे एक नोट भी लिखा कि कोई यहां राजनीतिक भडास न निकाले। लक्षकार ने बताया कि फेसबुक पोस्ट के माध्यम से उन्होंने अपनी मंशा प्रकट की है। इसमें कोई राजनीतिक बात न हो, इसलिए नोट भी लिखा है।