भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का इस्तीफा मंजूर होते ही प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर बदलाव होना भी तय हो गया है। नई सरकार का गठन होते ही मंत्रालय में अधिकारियों के प्रभार में सबसे पहले परिवर्तन होगा। कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव तक बदले जाएंगे। मुख्य सचिव पद के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ दीपक खांडेकर, राधेश्याम जुलानिया और इकबाल सिंह बैंस का नाम चर्चा में हैं। वहीं, प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी विवेक अग्रवाल को भी प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा सरकार आने के बाद मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर पर व्यापक स्तर पर बदलाव किए जाएंगे। पिछले दिनों गुना, ग्वालियर सहित कुछ अन्य जिलों के कलेक्टर इस आधार पर कमल नाथ सरकार ने बदल दिए थे कि उनकी पदस्थापना ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति से की गई थी। अब इन जिलों में नए सिरे से प्रशासनिक जमावट होगी। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों के अधिकारियों में बडा फेरबदल किया जाएगा। भिण्ड कलेक्टर छोटे सिंह जो डॉं. गोविन्द सिंह समर्थक माने जाते है। उनका हटना तय है। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में भारी फेरबदल उपचुनाव को देखते हुए किया जाएगा।
भाजपा की सरकार अभी नहीं बनी है लेकिन भाजपा नेताओं के यहां अधिकारियों की भीड शुरु हो गई है। भाजपा नेताओं के इशारों पर तबादलों की लिस्ट बनाने का काम शुरु हो गया है।
मंत्रालय में सीएम व मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर प्रमुख विभागों में अधिकारी नए सिरे से तैनात होंगे। बताया जा रहा है कि सरकार ने राजनीतिक उठापटक के बीच जिस तरह 1985 बैच के अधिकारी एम गोपाल रेड्डी को मुख्य सचिव बनाया था, उसके चलते माना जा रहा है कि उन्हें ज्यादा समय इस पद पर नहीं रखा जाएगा। रेड्डी की जगह 1985 बैच के अधिकारी राधेश्याम जुलानिया, दीपक खांडेकर व इकबाल सिंह बैंस में से किसी को मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। तीनों ही अधिकारी भाजपा सरकार में प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं।