ग्वालियर। श्री 1008 भगवान शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर कमेटी के तत्वावधान में नवनिर्मित श्री मज्जिनेद्र वेदी प्रतिष्ठ जिनविम्ब स्थापन एवं शिखर शिलान्यास महोत्सव मंगलवार को भगवान शांतिनाथ की पालकी एवं भव्य मंगल कलश शोभायात्रा के साथ प्रारंभ हो गया।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन आदर्श कलम ने बताया कि शिंदे की छावनी स्थित शांतिनाथ जैन मदिर से मंगल कलश यात्रा एवं भगवान शांतिनाथ की पालकी शोभायात्रा गाजेबाजे के साथ निकाली गई। कलश यात्रा में घोडे, बैड़, बाग्गी मे इंद्र-इंद्राणि सवार थे। कलश यात्रा शिंदे की छावनी जैन मदिर से शुरू होकर भारत टाॅकिज, फालका बाजार, राममंदिर से घूमकर वापस फालक बाजार, छप्परवाला पुल, शिंदे की छावनी से होती हुई शांतिनाथ जैन मदिर पहुंची। शोभायात्रा में महिलाएं केशरिया साड़ी में सिर पर मंगल कलश लेकर चल रही थी। पुरुष लोगा कंधे पर भगवान शांतिनाथ की पालकी व भजन भक्ति गीतों में झूमते गाते हुए चल रहे थे। बग्गियों में पूजन में बैठने वाले सौधर्म इंद्रा, ईशान इंद्र, यज्ञनायक, सनत कुमार इंद्र, कुबेर इंद्र, महेद्र इंद्र-इंद्र-इंद्रणी पीले वस्त्रों में विराजमान थे। महिलायें ओर बालिकाएं डांडिया नृत्य कर रही थी। समाज के लोगों ने अपने घरों के आगे रंगोली सजाकर भगवान शांतिनाथ की अगवानी कर आरती उतारी।
सुबह प्रतिष्ठाचार्य मुकेश कुमार शास्त्री अम्बाह एवं सहप्रतिष्ठाचार्य वीरेंद्र जैन ने मंत्र उच्चारण के साथ भगवान शांतिनाथ का अभिषेक एवं शांतिधारा इंद्रों ने की। मंदिर समिति के चक्रेश जैन, रविंद्र जैन, अशोक जैन, रमेश जैन, विपिन अमरीश जैन, राजू जैन, डॉ अरुण जैन, उमेश जैन, महेश जैन ने हाथों में श्रीफल लेकर होने वाले कार्यकम के लिए देव आज्ञा, आचार्य निमंत्रण किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पुरुषोत्तम जैन, श्रीमती चंदा जैन परिवार ने जैन ध्वजारोहण कर किया। दोपहर में यन्त्राभिषेक इंद्राप्रतिष्ठ एवं सकलीकरण जाप्यारम्भ हुई। सायं 6 बजे से मंगल आरती, शास्त्र प्रवचन एवं जिनेद्र भक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।