भोपाल। भेल द्वारा संचालित कस्तूरबा अस्पताल में कल हुए दर्दनाक हादसे की जांच पड़ताल शुरू हो गई है। भेल प्रशासन प्रथम दृष्टया इस पूरे मामले में ध्वस्त हुए वार्ड के पास नव निर्माण कर रहे ठेकेदार की लापरवाही को मान रहा है। जल्द ही ठेकेदार की कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जा सकता है। भेल क्षेत्र के अस्पताल में हुए हादसे के बाद उपनगर में दहशत का माहौल है। इस क्षेत्र की जितनी भी अन्य पुरानी बिल्डिंगें हैं उनमें रह रहे लोग व उनके आसपास की बसाहट में खौफ की स्थिति है।
आज सुबह सांसद कैलाश जोशी ने कस्तूरबा अस्पताल का मुआयना किया। इस हादसे में जिन दो लोगों की मौत हो गई थी, उनके परिजनों को श्री जोशी ने सांत्वना दी और घायलों का हालचाल जाना। श्री जोशी ने भेल प्रबंधन से भी चर्चा की। इसके पूर्व आज सुबह हादसे का मौका मुआयना करने दिल्ली से दो आला अफसर भोपाल पहुंचे। बीएचईएल के निदेशक मानव संसाधन आर कृष्णन एवं अन्य निदेशक महेंद्र दुबे ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। इन दोनों आला अफसरों ने राज्यपाल, महामहिम रामनरेश यादव से भी मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि भेल प्रबंधन मृत परिजनों के प्रति पूर्ण संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें दो लाख का मुआवजा देगा। घायल मरीजों के बेहतर इलाज का प्रबंध करेगा।
ज्ञात हो कि कल कस्तूरबा अस्पताल के एक वार्ड की छत गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों गंभीर घायल हो गए थे। लगभग 40-45 साल पुरानी बिल्डिंग में पुर्ननिर्मामाण की मांग उठाई जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भेल हादसे में मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तथा घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की। संभवत: आज शाम तक श्री चौहान घटना स्थल का दौरा भी करेंगे।