भोपाल। बैतूल से भाजपा सांसद ज्योति धुर्वे की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। आदिवासी कार्य विभाग की छानबीन समिति के आदेश पर बैतूल जिला प्रशासन ने धुर्वे का गोंड जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है और आगे की कार्रवाई के लिए यह जानकारी संसदीय कार्य विभाग को भेज दी है।
छानबीन समिति ने अपने आदेश में कहा है कि ज्योति धुर्वे की जाति गोंड नहीं है, वे बिसेन (पवार) हैं, जो आदिवासी जाति नहीं है। छानबीन समिति ने कहा कि धुर्वे की मां की जाति गोंड है, लेकिन उनके पिता महादेव बिसेन जाति से हैं। ऐसे में पिता की जाति को ही उनकी जाति माना जाएगा।
विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव इसराणी के मुताबिक अभी ज्योति धुर्वे के पास छानबीन समिति के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प खुला है। यदि हाईकोर्ट से वे स्टे ले लेती हैं तो उनकी संसद सदस्यता खतरे में नहीं पड़ेगी। हाईकोर्ट में पहले से ही इस मामले में केस चल रहा है।
छानबीन समिति के फैसले पर चुनाव आयोग संज्ञान लेकर राष्ट्रपति से उनकी सदस्यता शून्य घोषित करने की सिफारिश कर सकता है। हालांकि ऐसा होने पर भी बैतूल लोकसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा, क्योंकि दो महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं।