ग्वालियर । अऋणी कृषकों द्वारा बोई गई फसलों का तत्परता से बोनी प्रमाण-पत्र प्रदान करें, जिससे कृषक अपनी फसलों का बीमा करा सकें। इस कार्य में किसी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी। यह निर्देश कलेक्टर राहुल जैन ने जिले के सभी पटवारियों को दिए हैं। साथ ही सभी राजस्व अधिकारियों को भी इस काम को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शतप्रतिशत ऋणी कृषकों की फसलों का बीमा कराने की भी हिदायत दी है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित रबी फसलों का बीमा किया जा रहा है । बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जनवरी है। जिस बैंक में खाता है उस बैंक में फसल बुवाई प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज व निर्धारित प्रीमियम जमा कर किसान भाई अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं । साथ ही सीएससी सेंटर (नागरिक सुविधा केंद्र) में भी प्रीमियम जमा कर कृषक गण अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं। कलेक्टर राहुल जैन ने जिले के किसान भाइयों से अपनी फसल का बीमा कराने की अपील की है।
रबी फसल का बीमा कराने के लिए फसल बुवाई प्रमाण-पत्र भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका, बैंक पासबुक व आधार कार्ड की छायाप्रति जमा करनी होती है । बुवाई प्रमाण -पत्र संबंधित पटवारी से प्राप्त किया जा सकता है। उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास डॉ आनंद बड़ोनिया ने बताया गेहूं सिंचित के लिए 375 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रीमियम निर्धारित है । चना के लिए 330 रुपए प्रति हेक्टेयर, राई सरसों के लिए 300 रुपये प्रति हैक्टर तथा मसूर के लिए 225 रुपये प्रति हेक्टेयर फसल बीमा की प्रीमियम राशि निर्धारित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी कृषक मित्र या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से प्राप्त की जा सकती है। साथ ही कृषक हेल्पलाइन नंबर 18002660700 पर भी फसल बीमा के संबंध में संपर्क किया जा सकता है।
इन स्थितियों में मिलता है फसल बीमा का लाभ
प्रतिकूल मौसम की वजह से फसल बोवाई व रोपाई के जोखिम फसल बीमा में खबर रहते हैं। इसी तरह अकाल सूखा, बाढ़, जलमग्नता, कीटों और बीमारियों से नुकसान, भूस्खलन, प्राकृतिक आग तथा आसमानी बिजली, आंधी, ओले की बरसात, चक्रवात, तूफान बवंडर ,झंझावात और प्रभंजन से होने वाले फसल के नुकसान का भी संरक्षण प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत किया जाता है । फसल प्राप्ति के पश्चात खेत में फैलाने और सुखाने की स्थिति में भी फसल प्राप्ति के पश्चात दो हफ्तों की अधिकतम अवधि के लिए फसल बीमा का संरक्षण मिलता है । ओले गिरने, जमीन खिसकने तथा पानी भरने पर भी बीमा मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है।