भोपाल। अल्पवर्षा के कारण प्रदेश के बीस से ज्यादा जिले सूखाग्रस्त घोषित हो सकते हैं। जिलों के प्रतिवेदन पर शनिवार को मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय सूखा मॉनीटरिंग समिति विचार करेगी। इसके आधार पर केंद्र को मेमोरेंडम भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि कई जगहों पर जनवरी से ही पेयजल परिवहन की नौबत आ सकती है।

राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भिंड, शिवपुरी, ग्वालियर, अशोकनगर, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और विदिशा में स्पष्ट तौर पर सूखे के हालात हैं। इसके अलावा श्योपुर, मुरैना, दतिया, उमरिया, नरसिंहपुर, शाजापुर, सीहोर, देवास, हरदा, बैतूल सहित अन्य जिलों में भी सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है।

इसकी वजह से खरीफ फसलें तो प्रभावित हुई ही हैं, रबी की बोवनी भी घटने की संभावना बन गई है। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा संभागीय स्तर पर की जा रही समीक्षाओं में भी यह बात सामने आई है। दिन का तापमान अभी भी बढ़ा हुआ है।

मौसम में नमी न होने के कारण रबी की बोवनी भी पिछड़ने के आसार हैं। भू-जल स्तर भी कई विकासखंडों में घट गया है। इन सभी पैमानों पर शुक्रवार तक जिलों से प्रतिवेदन प्रमुख राहत आयुक्त कार्यालय को मिल जाएंगे। शनिवार को इन पर विचार होगा और फिर जिले या तहसील को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *