बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) का कहर जारी है, मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेष प्रसाद सिंह ने कहा कि चमकी बुखार से अब तक मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 69 हो गया है. जिसमें श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 58 और केजरीवाल अस्पताल में 11 बच्चों की मौत हुई है.

बिहार में उमस भरी गर्मी के बीच मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों में बच्चों पर कहर बनकर टूटने वाले इस चमकी बुखार से करीब 24 दिन में 69 बच्चों की मौत हो चुकी है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने आजतक से खास बातचीत में कहा, स्थिति से निपटने के लिए हम हर संभव कोशिश और कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में जागरुकता फैलाने के लिए कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है.

बता दें कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच ज्यादा है. डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है.

चमकी बुखार के कहर के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, अस्पतालों में डॉक्टरों और कर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई जा रही है. वहीं मुजफ्फरपुर में फैली इस बीमारी से हो रही बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले पर नजर रख रहा है. बरसात से पहले ये बीमारी हर साल बिहार में कहर बरपाती है. इसकी पूरी जांच की जा रही है.

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