भोपाल ! भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता एवं प्रदेश के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन के खिलाफ उच्च न्यायालय ने आय से अधिक सम्पत्ति मामले में लोकायुक्त जांच के आदेश दिए हैं।
जबलपुर उच्च न्यायालय ने पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा 2012 में दायर एक याचिका पर यह आदेश दिया है। श्री समरीते ने आरोप लगाया था, कि विधायक और मंत्री रहते हुए श्री बिसेन ने भ्रष्ट तरीकों से भारी सम्पत्ति अर्जित की है। याचिका में बिसेन की 1984 से सम्पत्ति में हुई बढ़ोत्तरी का विवरण देते हुए बताया गया था किस तरह न सिर्फ विधायक रहते हुए बिसेन की सम्पत्ति बढ़ी, बल्कि सहकारिता मंत्री बनने के बाद उनकी सम्पत्ति में काफी इजाफा हुआ है। श्री समरीते ने अपने इस आरोपों के पक्ष में बिसेन की सम्पत्ति के अलावा उनकी पत्नी और बेटी के नाम अर्जित सम्पत्ति का ब्यौरा भी दिया था। महत्त्वपूर्ण यह है, कि याचिका दायर करने के बाद इसकी पैरवी नहीं करने से यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब न्यायालय ने इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए बिसेन की सम्पत्ति की लोकायुक्त जांच के आदेश दिए हैं। अदालत के इस आदेश के बाद श्री बिसेन लोकायुक्त जांच की जद में आ गए हैं और इससे प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को भी भाजपा के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। खुद उनकी ही पार्टी के भीतर उनके विरोधी भी मुखर होने लगे हैं।