बिजली चोरी का दाग धुलवाने के चक्कर में एक जेई खुद दागदार बन गया। मामला बिजली कंपनी के जबलपुर सिटी सर्किल के पूर्व संभाग क्रमांक दो की है। यहां पदस्थ जेई ने बिजली चोरी के मामले को रफा-दफा करने के लिए आरोपी के बेटे से 10 हजार रुपए की घूस मांगी। पांच हजार रुपए उसने तीन दिन पहले ले भी लिए। दूसरी किस्त लेकर सोमवार को बुलाया था, तभी लोकायुक्त टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज करते हुए लोकायुक्त ने मौके पर ही जमानत दे दी।

प्रेमसागर पुलिस चौकी के पीछे रहने वाला प्रकाश चंद वंशकार को विजिलेंस टीम ने बिजली चोरी के मामले में पकड़ा था। मामले में उसके खिलाफ प्रकरण बनाया गया था। इसी मामले में संभाग क्रमांक-दो में पदस्थ जूनियर इंजीनियर (जेई) कमलेश केसरा ने 10 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। रिश्वत न देने पर जेल भेजने की धमकी दे रहा था।

10 हजार रुपए में मामला रफा-दफा करने का बोला था
प्रकाश चंद वंशकार के बेटे सतीश चंद्र वंशकार ने मामले में जेई कमलेश कसेरा से बात की। उसके कहे अनुसार पांच हजार रुपए तीन दिन पहले दे भी दिए। दूसरी किस्त देने उसे सोमवार को जेई ने कार्यालय बुलाया था। सतीश चंद्र ने मामले की शिकायत 18 फरवरी को एसपी लोकायुक्त अनिल विश्वकर्मा से की। इसके बाद आरोपी को ट्रैप करने के लिए जाल बिछाया गया।

लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने रिश्वत मामले में शिकायतकर्ता और आरोपी की बातचीत को ट्रैप कराया। इसके बाद डीएसपी दिलीप झरबड़े, निरीक्षक स्वप्निलदास, आरक्षक विजय विष्ट, अतुल श्रीवास्तव, सोनू चौकसे, जीत सिंह को कार्रवाई के लिए भेजा। सोमवार सुबह 11 बजे सतीश चंद वंशकार को आरोपी जेई ने कार्यालय बुलाया। पांच हजार रुपए लेकर जैसे ही उसने पर्स में रखा। वहां मौजूद लोकायुक्त की टीम ने दबोच लिया।

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