भोपाल। भावांतर भुगतान योजना को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमेरिका दौरे से वापस लौटते ही मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने सुबह अधिकारियों से फीडबैक मांगा और शाम सात बजे कमिश्नर और कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार इस तरह की योजना शुरू हुई है। कुछ को भ्रम है तो कुछ को इसकी जानकारी नहीं है। कुछ बातें उठी हैं, जो स्वाभाविक हैं पर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाना मेरा टास्क है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जानबूझकर माहौल बिगाड़ने वाले तत्वों से सख्ती से निपटें और बिचौलिए फायदा उठाने की कोशिश करें तो उनके खिलाफ कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि योजना किसानों के हित की है। इस पर पूरे देश की नजर है। इसे सफल बनाने में पूरी टीम जुट जाए। योजना में जो किसान पंजीकृत नहीं हैं, उनका भी पूरा रिकॉर्ड रखा जाए। पचास हजार रुपए तक के नकद भुगतान को लेकर भ्रम की स्थिति पर उन्होंने साफ किया कि कृषि उत्पाद के एवज में नकद भुगतान में आयकर की कोई बाधा नहीं है।
किसान और व्यापारी के बीच संवादहीनता की वजह से भ्रांतियां हैं। उन्हें दूर करने के प्रयास किए जाएं। मंडियों की कार्यप्रणाली पर नजर रखने के निर्देश अधिकारियों को देते हुए कहा कि कलेक्टर नियमित समीक्षा करें। वे स्वयं सुबह और शाम निगरानी करेंगे।
ठीक बोली न लगे तो दोबारा लगवाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पहली बोली में किसान की उपज के ठीक भाव न लगें तो दोबारा बोली कराई जाए। यदि किसान अभी अपनी फसल नहीं बेचकर उसे गोदाम में रखता है तो उसे सात रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रतिमाह राशि दी जाए। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि वे हर मंडी में अपना एक प्रतिनिधि तैनात करें, जो पूरी व्यवस्था पर निगाह रखे।
खरीदी का जायजा लेने भेजे जाएंगे अफसर
मुख्यमंत्री ने योजना पर फोकस करने के लिए अफसरों को मैदानी दौरे पर भेजने का फैसला किया है। उन्होंने बैठक में कहा कि प्रदेश स्तर से अफसर भेजे जाएंगे। ये किसान और व्यापारियों से बात करेंगे। बैठक के दौरान शहडोल कमिश्नर बीएम शर्मा ने बताया कि छोटी जोत होने से किसान मंडी की जगह व्यापारियों को ही अनाज बेच देते हैं। हमने वाहन से अनाज मंडियों में भिजवाने की व्यवस्था बनाई है। इसी तरह झाबुआ कलेक्टर ने बताया कि हमारे यहां भी इसी तरह की व्यवस्था बनाई गई है।