ग्वालियर।  प्रदेश की महाविद्यालयों के यूजी  कोर्सों में दूसरे राज्यों के जो भी छात्र- छात्रा एडमिशन लेने आॅनलाइन आवेदन करेंगे, उन्हें अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराने के लिए सरकारी कॉलेजों में आना ही होगा। ऐसे छात्रों का आॅनलाइन सत्यापन नहीं हो पाएगा। इस सुविधा का लाभ बाहरी छात्रों को  इसलिए नहीं मिलेगा क्योंकि उनका 12 वी के अंकों का  डेटा उच्च शिक्षा विभाग के आॅनलाइन एडमिशन के पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है।बिना डेटा के दस्तावेज चेक नहीं हो सकते।

बात दें कि कोरोना महामारी के संक्रमण की  वजह से उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार कॉलेजों के छात्रों के लिए आॅनलाइन दस्तावेज सत्यापन की सुविधा दी है। ताकि एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को कॉलेजों में नहीं जाना पड़े। आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर, सत्यापन भी आॅनलाइन हो जाए और फीस भी आॅनलाइन भर दी जाए। एम पी बोर्ड से 12 वी करने वाले छात्रों का डेटा तो एडमिशन वाले पोर्टल पर उपलब्ध है, इसलिए इनके फॉर्म का तो आॅनलाइन सत्यापन हो रहा है, मगर सीबीएसई सहित अन्य बोर्ड का डेटा पोर्टल पर नहीं है। इस कारण दूसरे राज्यों के बोर्ड और सीबीएसई के छात्रों के फॉर्म का आॅनलाइन सत्यापन नहीं हो पा रहा। कोरोना संक्रमण के डर के बीच ऐसे छात्रों को सायपन के लिए कॉलेजों में जाना होगा।

एमपी बोर्ड से 12 वी करने वाले जो छात्र आरक्षित वर्ग के हैं या जो निशक्त हैं। ऐसे छात्रों को भी दस्तावेज सत्यापित कराने कॉलेजों में जाना होगा। इसके मूल दस्तावेज देखे बिना उन लाभ नहीं दिया जा सकता। जानकारी के अनुसार ऐसे छात्रों की संख्या साठ फीसदी से अधिक होती है, इसलिए कॉलेजों में एडमिशन के लिए छात्रों की भीड़ उमड़ना लाजिमी है। सरकार चाहती है कि एडमीशन के लिए कॉलेजों में भीड़ न जुटे। इसलिए ही आॅनलाइन दस्तावेज चेक कराने की व्यवस्था की है। मगर नियमों के बंधन से विभाग के अफसरों की मंशा के अनुसार व्यवस्था नहीं बन पा रही।

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