मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बाबा साहब अम्बेडकर ऐसे महामानव थे जिनका दिल हर शोषित और पीड़ित के लिये धड़कता था। उन्होंने संविधान के माध्यम से सामाजिक न्याय को जमीन पर उतारने का काम किया था। वे हमारे संविधान निर्माता होने के साथ-साथ महान समाजसुधारक, अर्थशास्त्री और उच्च कोटि के विद्वान थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ ‘दिल से’ कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
संविदा व्यवस्था समाप्त करने का निर्णय

प्रमुख घोषणाएँ

प्रदेश के पाँच अनुसूचित बहुल जिलों दतिया, छतरपुर, विदिशा, सतना और शाजापुर में 480 सीट क्षमता के पाँच नये कन्या ज्ञानोदय विद्यालय खोले जायेंगे।
पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में शासकीय संस्थाओं के विद्यार्थियों की वार्षिक आय सीमा का बंधन समाप्त किया जायेगा। पहले यह आय सीमा तीन लाख रूपये वार्षिक थी।
अशासकीय शिक्षण संस्थाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की वार्षिक आय सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रूपये की जायेगी। इन संस्थाओं के विद्यार्थियों को फीस नियामक समिति द्वारा निर्धारित फीस का भुगतान किया जायेगा।
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को नि:शुल्क जाति प्रमाण पत्र दिये जाते हैं। इन सभी विद्यार्थियों को एक बार अब डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र दिये जायेंगे।
उन्होंने आगामी 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने, पेड़ लगाने की अपील की।
आगामी 30 अप्रैल को जल संसद का आयोजन कर नदियों को बचाने के कार्यक्रम तय किये जायेंगे।

श्री चौहान ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर महिला समानता के पक्षधर थे। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी से लेकर अनेक योजनाओं के माध्यम से महिला समानता के लिये कदम उठाये गये हैं। प्रदेश में एक लाख नई नौकरियों में भर्ती होगी। इसमें शिक्षकों के पदों में महिलाओं के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण रहेगा। बाकि भर्तियों में भी महिलाओं के लिये आरक्षण रहेगा। महिला स्व-सहायता समूहों को और सशक्त बनाया जा रहा है। प्रदेश में कर्मचारी कल्याण के लिये संविदा व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके लिये नई नीति बनाई जा रही है। अध्यापकों और शिक्षकों की सेवा शर्तों और मानदेय को सम्मानजनक बनाया गया है। प्रदेश में केन्द्र के समान महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। प्रदेश में सातवें वेतनमान को लागू किया गया है। उन्होंने सभी कर्मचारियों से अपील की कि अधिकारों के साथ कर्त्तव्यों पर भी ध्यान दें तथा प्रदेश को बेहतर बनाने के लिये काम करें।

लहसुन के पंजीकृत किसानों को मुख्यमंत्री कृषि समृद्धि योजना में 800 रू. प्रति क्विंटल

मुख्यमंत्री ने कहा कि लहसुन भावांतर योजना में शामिल कर खरीदने का फैसला किया गया था। लहसुन का बंपर उत्पादन होने से भाव गिर गये हैं। अब यह तय किया गया है कि लहसुन के लिये पंजीयन कराने वाले किसानों को मुख्यमंत्री कृषि समृद्धि योजना में 800 रूपये प्रति क्विंटल राशि दी जायेगी।

सरकार किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार किसानों को उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिये प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री कृषि समृद्धि योजना में सात लाख से ज्यादा गेंहूँ उत्पादक किसानों और 2 लाख 82 हजार धान उत्पादक किसानों के खातों में 1700 करोड से ज्यादा राशि दी जायेगी। यह राशि पिछले साल समर्थन मूल्य पर खरीदे गये 67 लाख 21 हजार मीट्रिक टन गेंहूँ पर 200 रूपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त दी जा रही है। अतिरिक्त राशि वितरण की शुरूआत 16 अप्रैल को शाजापुर जिले से होगी। 10 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर चना, मसूर और सरसों की खरीदी 257 मंडियों में की जा रही है। इन फसलों के किसानों का भावांतर भुगतान योजना में हुआ पंजीयन न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिये लागू होगा। दस अप्रैल से चना, मसूर और सरसों पर कृषि समृद्धि योजना में 100 रूपया प्रति क्विंटल अलग से दिया जायेगा। किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ देने के लिये मुख्यमंत्री कृषि समृद्धि योजना बनाई गई है। इसमें किसानों को अतिरिक्त लाभ दिया जायेगा। गेहूँ 1735 रूपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदा जायेगा और सरकार 265 रूपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त देगी। समर्थन मूल्य के बाहर गेहूँ बेचने पर भी किसान को यह लाभ मिलेगा। पिछले साल बेचे गये धान और गेहूँ पर भी किसानों को 200 रूपया प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

कोई क्षेत्र बाबा साहब के चिंतन से अछूता नहीं

इसके पहले मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाबा साहब ने उद्योगों में महिला और पुरूषों के लिये समान वेतन और महिलाओं के लिये प्रसूति लाभ का प्रावधान करवाया था। कारखानों में काम के घंटे बारह से घटाकर आठ करवाये थे। उन्होंने महिलाओं की गरिमा लौटाने और तलाक, सम्‍पत्ति, उत्‍तराधिकार, विवाह में समान अधिकार दि‍लाने के लिए संघर्ष किया था। महिलाओं को समान मतदान का अधिकार दि‍लाने में भी उनकी महत्‍वपूर्ण भूमिका थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्‍थापना के पीछे उन्‍हीं का विचार था। नोबेल पुरस्‍कार विजेता महान अर्थशास्‍त्री डॉ. अमर्त्‍य सेन ने कहा था कि डॉ. अम्‍बेड़कर अर्थशास्‍त्र में मेरे पिता है। भारत में बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं की अवधारणा लागू करने में डॉ. अम्‍बेड़कर की भूमिका प्रमुख रही है। भारत की पहली बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना दामोदर घाटी परियोजना है। यह बाबा साहब के ही प्रयासों से शुरू हो सकी। भारत की सबसे बड़ी परियोजना भाकड़ा नांगल और भारत का सबसे बड़ा बांध हीराकुंड भी उन्‍हीं की देन है। भारत के सामाजिक, आर्थिक, कृषि और औद्योगिक विकास के लिए उनका व्यापक चिन्तन उनके द्वारा रचित पुस्तकों में देखने‍ को मिलता है। राष्ट्र निर्माण, विदेश नीति निर्धारण, सामाजिक सुरक्षा, श्रमिक कल्याण सहित ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जो बाबा साहब के चिन्तन से अछूता हो।

कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के शैक्षणिक उत्थान के अनेक कदम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर दीनदयाल उपाध्याय, महात्मा गांधी, राममनोहर लोहिया सबकी सोच एक ही थी कि गरीब और सबसे पिछड़ों को कैसे आगे बढ़ाया जाये। संविधान में इनके लिये विशेष प्रावधान किये गये हैं। प्रदेश में सामाजिक समरसता के साथ इन वर्गों को आगे बढ़ाया जाना है। शिक्षा के क्षेत्र में कई कदम उठाये गये हैं। कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिये आश्रम छात्रावास और ज्ञानोदय विद्यालय खोले जा रहे हैं। निजी महाविद्यालयों में पढ़ने वाले कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों की फीस भी राज्य सरकार भरेगी। महाविद्यालय में पढ़ने वाले इन वर्गों के विद्यालयों के लिये छात्र गृह योजना भी शुरू की गयी है। इन वर्गों के पचास विद्यार्थियों को विश्वविद्यालयीन शिक्षा के लिये हर वर्ष विदेश भेजते हैं।

श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की पंचायत स्तर पर मॉनीटरिंग होगी

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये मुख्यमंत्री मजदूर कल्याण योजना प्रारंभ की गयी है। जिसमें अब तक एक करोड़ 75 लाख श्रमिकों के पंजीयन किये जा चुके हैं। इन्हें पंजीयन के बाद सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवायी जायेगी। इनमें से प्रत्येक को पक्के मकान बनाकर दिये जायेंगे। इस योजना में पंजीकृत महिला श्रमिक को गर्भवती होने पर 6 से 9 माह की अवधि में उनके खाते में 4 हजार रूपये की राशि मिलेगी। बच्चे के जन्म के बाद महिला श्रमिक के खाते में 12 हजार रूपये जमा कराये जायेंगे। श्रमिकों के बच्चों के लिये पहली से पीएचडी तक की फीस राज्य सरकार भरेगी। गरीब मजदूरों को दो सौ रूपये प्रति माह की दर से बिजली के बिल दिये जायेंगे। श्रमिकों के संपूर्ण इलाज की व्यवस्था की जायेगी। हाथ ठेला चालकों और साइकिल रिक्शा चालकों को ई-लोडर और ई-रिक्शा उपलब्ध कराया जायेगा। इन वर्गों के स्व-रोजगार के लिये कई योजनाएँ शुरू की गई है। इन वर्गों की सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं की मॉनिटरिंग ग्राम पंचायत स्तर पर की जायेगी।

मुख्‍यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पिछले दिनों हुई कुछ दुर्भाग्‍यपूर्ण घटनाओं में समाज की एकता को तोड़ने के प्रयास किये गये। इसमें प्रभावितों को राहत पहुँचाने के लिये राज्य सरकार हर संभव सहयोग देगी। उन्होंने अपील की कि आपस में मनमुटाव नहीं हो, दूरियों को मिटायें और सब मिलकर एक होकर प्रदेश को आगे बढ़ाने में जुट जायें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महात्मा ज्योति बा फुले जयंती, वल्लभाचार्य जयंती, सेन जयंती, भगवान परशुराम जयंती, शंकराचार्य जयंती, रामानुजाचार्य जयंती और बुद्ध पूर्णिमा का उल्लेख भी किया। उन्होंने हाल ही में प्रदेश के लिये उपलब्धियाँ हासिल करने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने माय गॉव एप पर आये सुझावों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों मे सीटी स्केन मशीन लगायी जायेगी। शासकीय कल्याणकारी योजनाओं को देने के लिये सोशल मीडिया के उपयोग को बढ़ाया जायेगा।

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