भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्यपाल की ओर से दो बार आदेश मिलने के बाद भी फ्लोर टेस्ट से इनकार करने वाली कांग्रेस अब बागियों को मनाने की कोशिश में है। कांग्रेस से बागी हुए सिंधिया गुट के 22 विधायक 10 दिन से बेंगलुरु में हैं। बुधवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस नेताओं के साथ बेंगलुरु पहुंच गए। लेकिन कर्नाटक पुलिस ने उन्हें रमादा होटल के बाहर ही रोक दिया। इसके बाद सभी कांग्रेस नेता सड़क पर धरने पर बैठ गए, बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। दिग्विजय ने कहा है कि अब वे थाने में भूख हड़ताल करेंगे।
दिग्विजय सिंह ने कहा, पुलिस हमें विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्यप्रदेश का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 तारीख को राज्यसभा चुनाव के लिए विधानसभा में वोटिंग होनी है। हमारे विधायकों को यहां होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। वे हमसे बात करना चाहते हैं, लेकिन उनके मोबाइल छीन लिए गए। भाजपा नेता अरविंद भदौरिया और कुछ गुंडे अंदर हैं। विधायकों की जान को खतरा है। मेरे पास हाथ में ना बम है, ना पिस्तौल है और ना हथियार है। फिर भी पुलिस मुझे क्यों रोक रही है।
जब पुलिस ने धरने पर बैठे कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया तो दिग्विजय ने कहा, बेंगलुरु में तो भाजपा की सरकार है। पुलिस भी उन्हीं के इशारे पर काम कर रही है। मुझे तो भाजपा के राज में भी उनकी पुलिस के बीच डर नहीं लग रहा। लेकिन भाजपा नेताओं को किस बात का डर है, क्या वे खुद अपनी पुलिस से डर रहे हैं? मैं यहां गांधीवादी तरीके से अपने विधायकों से मिलने आया हूं। उम्मीद है कि वे जल्द लौट जाएंगे। 5 विधायकों से मेरी बात हुई तो उन्होंने बंधक होने की जानकारी दी। होटल में 27 घंटे पुलिस का पहरा है। विधायकों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
दिग्विजय के अलावा मंत्री तरुण भनोत, सज्जन सिंह वर्मा, हर्ष यादव, विधायक कांतिलाल भूरिया, आरिफ मसूद, कुणाल चौधरी भी बेंगलुरु गए हैं। यहां पहुंचने पर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार उन्हें लेने पहुंचे थे। शिवकुमार ने येदियुरप्पा सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमारी भी अपनी रणनीति है। मौजूदा हालात में मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता यहां अकेले नहीं है। मैं हमेशा उनके साथ खड़ा हूं। हम चाहते हैं कि कर्नाटक में कानून व्यवस्था नियंत्रण में रहे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ भी राज्यपाल को पत्र लिखकर बेंगलुरु से 22 विधायकों को वापस लाने की मांग कर चुके हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने उनके विधायकों कोे बंधक बना रखा है। उनके लौटने तक फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता है। इससे पहले जीतू पटवारी समेत कमलनाथ सरकार के 4 मंत्री बागी विधायकों से मिलने की कोशिश कर चुके हैं। तब पुलिस ने पटवारी समेत अन्य मंत्रियों को रिसॉर्ट के बाहर ही रोक दिया था। इस पर उनकी पुलिस से झड़प भी हुई थी, जिसके बाद सभी मंत्रियों को हिरासत में ले लिया गया था।