ग्वालियर ! मध्यप्रदेश के ग्वालियर की रजनी जाटव ने ससुराल सिर्फ इसलिए छोड़ दी, क्योंकि वहां शौचालय नहीं है। अब बहू को मानने में लगे ससुराल पक्ष ने दीपावली पर शौचालय का उपहार देने का वादा किया है।
ग्वालियर जिले के जड़ेरुआ गांव की रजनी जाटव की शादी पिछले साल मुरैना जिले के माताबसैया क्षेत्र के सत्येंद्र जाटव के साथ हुई थी। शुरू में सब ठीक ठाक चला। कुछ दिन बाद रजनी ने घर में शौचालय बनवाने की मांग की। इस बात को लेकर उसका पति से विवाद भी हुआ और वह मायके चली आई, साथ ही यह कह दिया कि जब तक शौचालय नहीं बनेगा वह ससुराल नहीं आएगी।
रजनी का कहना है, “मुझे पानी भरने, शौच के लिए घर से बाहर जाना पड़ता था, मगर ससुराल के लोगों और पति को अन्य काम के लिए घर से बाहर निकलना पसंद नहीं है। मैंने पति से मांग की कि अगर मेरा बाहर निकलना पसंद नहीं है तो शौचालय घर में नवाइए।”

रजनी शौचालय की मांग करने के बाद आने मायके आ गई। पति सत्येंद्र ने उसे मनाया, मगर वह ससुराल नहीं लौटी। बहू के ससुराल न जाने का मामला ग्वालियर के महिला थाने तक पहुंच गया। महिला थाना प्रभारी अनीता मिश्रा ने आईएएनएस को बताया कि थाने तक आए पति-पत्नी के विवाद को परिवार परामर्श केंद्र को सौंप दिया गया।
परिवार परामर्श केंद्र के काउंसलर महेश शुक्ला ने बताया कि रजनी के पति सत्येंद्र व ससुर रामखिलाड़ी ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए शौचालय न बनवा पाने की बात कही, जब उन्हें शासन की योजना से अवगत कराया गया तो उन्होंने दीपावली से पहले शौचालय बनाने का भरोसा दिलाया।”
शुक्ला के अनुसार, रजनी ने साफ तौर पर कह दिया है कि जब तक ससुराल में शौचालय नहीं बनेगा, तब तक वह मायके में ही रहेगी।
रजनी के पति सत्येंद्र का कहना है कि रजनी बार-बार मायके जाती थी, उन्हें यह पसंद नहीं है, जिसके चलते उसने पत्नी को घर से बाहर निकलने से रोका था। जहां तक शौचालय की मांग की बात है हम उसे बनवाने का प्रयास करेंगे।”
सामाजिक कार्यकर्ता जयंत तोमर का कहना है कि संचार माध्यमों ने समाज में चेतना लाई है, ग्वालियर की रजनी की पहल समाज के उन लोगों के लिए प्रेरणादायी है, जो बेहतर समाज की कल्पना करते हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *