सतना। बहुचर्चित परसमनिया रेप कांड में बलात्कारी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। प्रथम अपर सत्र न्यायालय नागौद ने बुधवार सुबह कोर्ट खुलते ही फैसला सुना दिया। इस प्रकरण की अंतिम बहस मंगलवार को पूरी हो गई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। जिसके चलते कोर्ट में सुबह से गहमा-गहमी का माहौल था, सभी को इंतजार था कि कोर्ट का फैसला क्या आता है? जैसे ही कोर्ट शुरू हुई, एडीजे दिनेश कुमार शर्मा ने फैसला पढऩा शुरू किया।
कोर्ट ने साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के आधार पर महेंद्र सिंह गोड़ के ऊपर मासूम के साथ बलात्कार का आरोप प्रमाणित पाया और फांसी की सजा सुना दी। कोर्ट ने आइपीसी 363, 376 (1)क(ख) के तहत मृत्युदंड, आइपीसी 376 (7) (ख) के तहत मृत्युदंड और आइपीसी 363 के तहत 7 साल सश्रम कारावास व ५ हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। उसके बाद प्रकरण को मृत्युदंडादेश के लिए हाईकोर्ट को भेजने को आदेश दिया। अभियोजन की ओर से डीपीओ रामपाल सिंह ने कोर्ट में पक्ष रखा।
पीआरओ फखरूद्दीन ने बताया कि सतना के उचेहरा थाना अंतर्गत परसमनिया में 1 जुलाई की रात चार साल की मासूम को घर से अगवा कर दुष्क र्म करने का सनसनी खेज मामला सामने आया था। इसमें गांव का शिक्षक महेंद्र सिंह गोड़ निवासी पन्ना टोला को जांच के बाद आरोपी बनाया था और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 34 दिन की विवेचना के बाद पुलिस ने मामला कोर्ट में पेश किया। जिसका फैसला बुधवार सुबह आया। जिसमें महेंद्र सिंह को दोषी माना गया और फांसी की सजा मुकर्रर की गई।
परसमनिया रेप कांड में पुलिस ने विवेचना में तेजी दिखाई, वहीं कोर्ट ने सतत सुनवाई करते हुए सभी गवाहों के बयान के बाद फैसला सुना दिया। वारदात के 81 दिन के अंदर पुलिस विवेचना हुई और कोर्ट का फैसला भी आ गया। पुलिस ने 34 दिन तक सतत विवेचना की और ३ अगस्त को कोर्ट में विचारण के लिए मामले को रखा। कोर्ट ने 47 दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुना दिया।
वारदात की पीडि़ता की हालत अब भी खराब है। उसका इलाज एम्स अस्पताल दिल्ली में चल रहा है। वो विगत ७९ दिन से एम्स में भर्ती है। घटना के दूसरे दिन स्टेट एयर एंबुलेंस से सतना से दिल्ली भेजा गया था।