जबलपुर ! सात साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास और गला दबाकर हत्या करने वाले आरोपी कथित चाचा को जबलपुर जिला न्यायालय द्वारा सुनाई गई मृत्युदंड की सजा को उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अजीत सिंह व न्यायाधीश आलोक अराधे की युगलपीठ ने बरकरार रखते हुए अपनी मुहर लगा दी है। युगलपीठ ने आरोपी की अपील खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि बच्ची न केवल आरोपी को जानती थी, बल्कि उस पर विश्वास भी करती थी।
इस अपराध को विरल से विरतम मानने हुए युगलपीठ ने न्याय की दृष्टि से आरोपी को फांसी की सजा से दंडित करने को उचित करार दिया है।
सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए डिप्टी एजी विजय पांडे ने युगलपीठ को बताया कि 12 मई 2011 की शाम बेलखेडा थानांतर्गत ग्राम सुनाचार निवासी पंचमलाल (30) ने गांव की सात साल की लड़की को गुटका लेने भेजा था। बच्ची गुटका लेकर आई तो आरोपी युवक उसे फुसलाकर घर के अंदर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। बच्ची ने जब शोर मचाया तो उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने बच्ची के शव को बोरे में बंद कर घर में बनी मचान में छुपाकर रख दिया था।