ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के ऊमरी के एक युवक की गोली मारकर हत्या कर लाश सिंध नदी में फेंक देने वाले दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवक की हत्या अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए की गई थी। हत्या से पहले हत्यारोपियों व मृतक ने पहले शराब पी, फिर होटल पर खाना खाया। इसके बाद कार के अंदर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई और शव सिंध नदी के पुल से नीचे फेंक दिया।
भिण्ड जिले के ऊमरी थाना क्षेत्र के सरकार पुरा निवासी ट्रक ड्राइवर संदीप यादव 22 वर्ष 18 सितंबर का रात्रिे रात 8 बजे भोजन कर घर से बस स्टैंड जाने की कहकर पैदल निकले थे। संदीप रातभर घर नहीं लौटे। 19 सितम्बर को संदीप के छोटे भाई प्रमोद यादव के पास फोन आया कि मेंहदा पुल के पास सिंध नदी में शव पड़ा है। प्रमोद ने नदी में जाकर देखा तो नदी में पड़ा शव उनके बड़े भाई संदीप यादव का था। प्रमोद ने ऊमरी पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नदी से निकलवाया और पीएम के लिए भिजवाया। प्रमोद की पीठ में पीछे से गोली का निशान था और पूरे शरीर पर चोटों के निशान थे। इससे पुलिस अंदाजा लगा रही है कि गोली मारने के बाद संदीप के शव को हत्यारों ने पुल से नीचे सिंध नदी में फेंका है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर पड़ताल शुरु कर दी।
भिण्ड के पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने पत्रकारों को बताया कि सिंध नदी में संदीप यादव का शव मिलने की सूचना पर एएसपी राजेंद्र कुमार वर्मा और डीएसपी राकेश छारी ने मुआयना किया था। एसपी का कहना है उन्होंने ऊमरी थाना प्रभारी गोपाल सिकरवार को पड़ताल के लिए प्वॉइंट बताए थे। पुलिस को मालूम हुआ कि संदीप को आखिरी बार उसके ही गांव में रहने वाले आरोपी रामकिशोर ओझा 20 वर्ष के साथ देखा गया था। पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी तो सामने आया कि संदीप ने रामकिशोर ओझा और एक अन्य युवक के साथ कार क्रमांक डीएल 9सी एफ 5330 से पहुंचकर एक ढाबे पर साथ खाना खाया था और शराब पी थी। पुलिस ने तलाश शुरू की तो रामकिशोर अपने घर में मिला। पुलिस ने रामकिशोर से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि उसके साथ में संदीप के अलावा तीसरा व्यक्ति ऊमरी का महाराज जाटव (30) था। पुलिस को फुक्के ने बताया महाराज सिंह के साथ मिलकर उसने हत्या के बाद संदीप के शव को पुल से नीचे सिंध नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने रामकिशोर के साथ महाराज सिंह को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक अनिल कुशवाह के मुताबिक आरोपी रामकिशोर ने पूछताछ में बताया कि गांव से वह अपनी गाड़ी में साथ लेकर ही संदीप को निकला था। ऊमरी से महाराज सिंह साथ आ गए। तीनों ने ढाबे पर साथ खाना खाया और शराब पी। इसके बाद रामकिशोर ने संदीप को कार ड्राइव करने के लिए कहा। संदीप कार चला रहा था। आगे ड्राइवर की बगल की सीट पर महाराज सिंह बैठा था और पीछे की सीट पर रामकिशोर बैठा। एसपी के मुताबिक मेंहदा पुल पर पहुंचे तो रामकिशोर ने कार रोकने के लिए कहा। संदीप ने कार रोक दी। इस दौरान रामकिशोर ने पीछे से बैठे-बैठे संदीप की पीठ में 315 बोर के कट्टे से गोली मार दी। गोली लगने से संदीप स्टेयरिंग पर गिरा। फुक्के और महाराज सिंह ने संदीप को कार से उताकर नीचे सिंध नदी में फेंक दिया और अपने घर वापस आ गए।
पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने बताया रामकिशोर का बड़ा भाई सूरज ट्रक पर संदीप के साथ क्लीनरी करता था। 3 साल पहले उत्तरप्रदेश के आगरा जिले के जैतपुरकलां में ट्रक में खराबी आई तो सूरज उसे ठीक करने ट्रक के नीचे घुसा था। इसी दौरान ट्रक अचानक चालू होकर चल दिया, जिससे सूरज ट्रक के पहिया के नीचे कुचल गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। एसपी का कहना है रामकिशोर यह मानता था कि संदीप ने उसे जानबूझकर कुचला है। हालांकि रामकिशोर गांव में रहकर संदीप से हमेशा यही कहता रहा कि सूरज की मौत हादसा है, लेकिन वह मन में बड़े भाई की मौत का बदला लेने की ठाने रहा। 18 सितंबर की रात रामकिशोर को मौका मिला और उसने पहले संदीप को शराब पिलाई फिर होटल पर खाना खाया फिर उसकी गोली मारकर हत्या कर शव सिंध नदी में फेंक दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से हत्या में उपयोग की गई कार तथा 315 बोर का कट्टा बरामद कर लिया है।

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