वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के किसानों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी खरीद की फसलों को उत्पादन लागत से कम-से-कम डेढ़ गुना कीमत पर लेने का फैसला ले लिया है। देश के किसानों की आमदनी बढ़ाकर साल 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मौजूदा सरकार के आखिरी पूर्ण बजट में सरकार का संकल्प दोहराया और कहा कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना कीमत मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए बाजार मूल्य और एमएसपी में अंतर की रकम सरकार वहन करेगी।
जेटली ने कहा, ‘बाजार के दाम अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम हो तो सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को बाकी पैसे किसानों को दिए जाएं।’ जेटली ने कहा कि इसके लिए नीति आयोग व्यवस्था का निर्माण करेगा। इसके साथ ही, मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए 11 लाख करोड़ का फंड बनाने का भी ऐलान किया।
खेती-किसानी पर जेटली की महत्वपूर्ण बातें
-86 प्रतिशत से ज्यादा किसान छोटे या सीमांत किसान हैं। इनके लिए मार्केट तक पहुंचना आसान नहीं है। इसलिए सरकार इन्हें ध्यान -रखकर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी।
-हम वर्षों से कहते आ रहे हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। ऐसे में हमें हमारे जिलों में क्लस्टर बेस्ड डिवेलपमेंट मॉडल तैयार करने की आवश्यकता है।
-देश के किसानों के अथक परिश्रम का परिणाम है।
-लगभग 300 मिलियन टन फलों और सब्जियों का रेकॉर्ड उत्पादन हुआ है।
-ई-नैम को भी हमने किसानों को तहत जोड़ा है। ताकि किसानों को जहां ज्यादा मूल्य मिलती है।
-585 epmc को ई-नैम के जरिए जोड़ा जाएगा। यह काम मार्च 2019 तक ही खत्म हो जाएगा।
-जितने गांव हैं उनको कृषि के बाजारों के साथ बढ़िया सड़क मार्गों से जोड़ने की योजना है।
-हमारे जिले में क्लस्टर मॉडल पर विकसित करने की आवश्यकता है।
-ऐसे पौधे जिनका दवाइयों में इस्तेमाल होता हो उनका भी सरकार उत्पादन बढ़ाने के लिए बढ़ावा देगी।
-जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है।
-टमाटर, आलू, प्याज का इस्तेमाल मौसम के आधार पर होता है, सालभर। ऑपरेश ग्रीन लॉन्च की जाएगी, ऑपरेशन फ्लड की तौर पर। 500 करोड़ रुपये इसके लिए रखे जाएंगे।
-क्रेडिड कार्ड मछुआरों और पशुपालकों को भी मिलेगा।
-42 मेगा फूड पार्क बनेगा।
-मछली पालन और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये रखे जा रहे हैं।
बांस की पैदावार बढ़ाने के लिए
-किसान कृषि लोन की सुविधा से वंचित रह जाते हैं, ये बंटाईदार होते हैं, जिनको बाजार से कर्ज लेना पड़ता है। नीति आयोग ऐसी व्यवस्था बना रहा है कि ऐसे किसानों को कर्ज लेने में सुविधा मिले।