सतना । चित्रकूट के आयुर्वेद तेल व्यापारी ब्रजेश रावत ने अपने बच्चों के अपहरण और हत्या में कई बड़े लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि फिरौती की रकम मांगने की जानकारी उप्र और मप्र पुलिस को थी। मप्र पुलिस का यह कहना झूठ है कि उसे फिरौती की जानकारी नहीं थी। मेरे फोन सर्विलांस पर लगे थे। मेरी किससे बात हो रही है, इसकी जानकारी आईजी, एसपी, डीआईजी के पास पहुंच रही थी। उन्होंने प्रधानमंत्री से गुहार लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। 12 फरवरी को ब्रजेश के जुड़वां बेटों प्रियांश और श्रेयांश (5) का अपहरण किया गया था। शनिवार देर रात दोनों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बबेरू के पास यमुना नदी से बरामद किए थे।
हत्या के विरोध में सोमवार को सतना के बाजार बंद रहे। भाजपा ने मौन जुलूस निकाला। जुलूस में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। शिवराज ने कहा कि मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में प्रस्तुत कर उन्हें फांसी की सजा दिलाई जाए। सरकार तबादला उद्योग बंद कर आम जनता की सुरक्षा के इंतजाम करें।
ब्रजेश का यह भी आरोप है कि घटना में किसी बड़े आदमी का हाथ है। मामले में कई बड़े लोगों के नाम उजागर होंगे। जो आरोपित पकड़े गए हैं, वे मात्र मोहरे हैं।
श्रीराम संस्कृत कॉलेज ने पद्म शुक्ला के पिता रामकरण को निष्कासित कर दिया है। महात्मा गांधी ग्रामोदय विवि ने आरोपित छात्रों को निष्कासित कर दिया है।
मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस महानिदेशक वीके सिंह से 12 दिन में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई तलब की है। अगर किसी भी पुलिस अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच शासन ने एसटीएफ का संभागीय कार्यालय सतना में खोलने का फैसला किया है।
इंदौर : अस्पताल के उद्घाटन के दिन अगवा हुआ था ईशान
ब्रिटेन से इंदौर आए रॉयल शांति अस्पताल के डॉक्टर दंपती अरविंद और निकिता रावल के बेटे ईशान की 2013 में शान दास निवासी महू ने अपहरण कर हत्या कर दी।
पुलिस को आरोपितों के बारे में बताया, लेकिन किसी ने नहीं सुना : रावल दंपती का कहना है कि जिस आरोपित को पुलिस ने पकड़ा था वह तो केवल मोहरा था। हमने मुख्य आरोपितों के बारे में पुलिस को कई बार बताया, लेकिन ध्यान नहीं दिया। सीबीआई जांच की अनुमति भी नहीं दी।
23 जून 2006 को 10 साल के शुभम पुत्र नीरज शर्मा का अपहरण फिरौती के लिए किया था। पुलिस का दवाब बनने पर शुभम की हत्या कर दी और उसे बाथरूम के ऊपर ईंट और सीमेंट से चुन दिया। शुभम को भी कोचिंग से ही मोहल्ले के शैलेंद्र व रघुवीर सविता ने अगवा कर लिया था।
दो सजा, अन्य बरी : दो आरोपितों को सजा और अन्य बरी हो गए। उनके खिलाफ परिजन हाई कोर्ट गए हैं।
14 जुलाई 2002 को मुख्य राधावल्लभ मार्केट से आठ वर्षीय को पिता के प्रतिष्ठान से अगवा कर दुष्कर्म किया गया, फिर हत्या के बाद शव बोरे में भरकर ओंडल नदी में फेंक दिया था। लगभग 24 घंटे बाद शव मिल था।
9 साल चला केस, आरोपित बरी : आंदोलन के बाद पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया। 9 साल कोर्ट केस के बाद तीनों बरी हो गए। अभिभावक का कहना है कि 35 गवाहों के बावजूद प्रकरण पुलिस ने कमजोर कर दिया। बेटी को न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट में भी आवेदन लगा रखा है।