ग्वालियर। ग्वालियर जिला न्यायालय की पंचम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अर्चना सिंह ने आज दुष्कर्म कर हत्या करने के एक मामले में ३७ दिनों में अपना फैसला सुनाया। न्यायाधीश अर्चना सिंह ने आरोपी को इस मामले में फांसी की सजा सुनाई। मामले में ३७ दिनों में ३३ लोगों की गवाही हुई।
ग्वालियर में विशेष सत्र न्यायालय की न्यायाधीश ने कंपू थाना क्षेत्र में एक बालिका को एक विवाह समारोह से अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के मामले में पुलिस के चालान पेश करने के मात्र ३७ दिनों में फांसी की सजा सुनाई। इस मामले में आरोपी जितेन्द्र कुशवाह निवासी आम खो ने एक छह साल की मासूम को अगवा कर उसे कैंसर पहाडी पर ले जाकर दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपी की पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जितेन्द्र कुशवाह के रूप में की। उसके पकडे जाने के बाद जहां उसने दुष्कर्म के बाद हत्या करना स्वीकार किया वहीं गवाहों ने भी उसकी पहचान सीसीटीवी फुटेज देखकर की।
न्यायालय ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानते हुए आरोपी जितेन्द्र को फांसी की सजा सुनाई। न्यायालय ने अपने आदेश में लिखा कि आरोपी को तब तक लटका कर रखा जाए जब तक उसके प्राण नहीं निकल जाते। ज्ञातव्य है कि २०-२१ जून की दरम्यानी रात को आमखो पर आयोजित एक विवाह समारोह में खेल रही छह वर्षीय बच्ची गायब हो गई थी सुबह उसका शव कैंसर पहाडी पर पडा मिला था। इस मामले में न्यायालय में रोजाना गवाही चली और आरोपी की पेशी वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये की गई। इस मामले में ३३ गबाहों की गवाही के बहस १३ दिनों में पूरी हो गई। आरोपी के वकील ने बचााव के तर्क भी हुए लेकिन अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी अनिल मिश्रा एवंं सोमवीर सिंह यादव ने विरोध कर साक्ष्य पेश किये। इस मामले में डीएनए भी कराया गया। इसकी जानकारी भी न्यायालय के समक्ष रखी गई।

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