भोपाल। मानव तस्करी पर अंकुश के लिए रेल सुरक्षा बल, चाइल्ड लाइन और रेलवे पुलिस ने संयुक्त रूप से एक व्हॉट्सएप ग्रुप बनाया है। किसी भी बच्चे के गुम होने की शिकायत होते ही उसका नाम, पता तस्वीर ग्रुप पर वायरल हो जाएगी। इस सिस्टम से पुलिस के अलावा बच्चों की बेहतरी के लिए काम करने वाले संगठन भी जुड़ गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नाबालिग के लापता होने की शिकायत मिलते ही संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज होने लगी है। लेकिन इसके बाद संबंधित बच्चे की तलाश को लेकर पुलिस उतनी संजीदा नहीं होती है। ऐसी स्थिति में बच्चे के सकुशल मिलने की संभावना कम हो जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए चाइल्ड लाइन की पहल पर संस्था आरंभ, आरपीएफ और जीआरपी ने एक व्हॉट्सएप ग्रुप बनाया है। आरंभ के प्रोजेक्ट अफसर अमरजीत ने बताया कि इस ग्रुप से प्रदेश के सभी आरपीएफ, जीआरपी थाने के अधिकारी, कर्मचारी जुड़ गए हैं। इसके अलावा बच्चों की मदद के लिए तत्पर रहने वाले संगठनों के पदाधिकारी भी इससे जुड़ गए हैं।
बेहतर परिणाम आएंगे
आरपीएफ कमांडेंट विवेक सागर ने बताया कि पूरे देश में रेलवे का तगड़ा नेटवर्क है। साथ ही अकसर घर से नाराज होकर जाने वाले बच्चे और बच्चों को बहला-फुसला कर ले जाने वाले अपराधी ट्रेनों का ही इस्तेमाल करते हैं। इस सिस्टम के सक्रिय होने से लापता बच्चे का नाम-पता और फोटो तत्काल व्हॉट्सएप पर मिल जाएगा। इससे संबंधित बच्चे को खोजने में काफी मदद मिलेगी।
काफी कारगर साबित होगा
एसपी (रेल) रुचि श्रीवास्तव ने बताया कि यह सिस्टम बच्चों की बेहतरी के लिए काफी कारगर सिद्ध होगा। इसके माध्यम से सभी एजेंसियों में अच्छा समन्वय भी स्थापित होगा। मसलन बच्चे के मिलने पर उसे चाइल्ड लाइन, बाल कल्याण समिति के समक्ष भेजने जैसी बातों के बारे में जागरुकता भी बढ़ेगी। इससे जीआरपी थानों के अधिकारी-कर्मचारी भी जुड़ गए हैं।
सभी जिलों में नेटवर्क
चाइल्ड लाइन की संचालक अर्चना सहाय के मुताबिक चाइल्ड लाइन का लगभग सभी जिलों में अच्छा नेटवर्क है। इस व्हॉट्सएप ग्रुप से चाइल्ड लाइन के सभी कर्मचारी जुड़ गए हैं। निश्चित ही इसके अच्छे परिणाम आएं