इंदौर। फोन नहीं उठाने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। थाने और पुलिस अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद एडीजी ने तीन दिनों तक सर्वे करवाया। अनजान नंबर से थानों और थाना प्रभारियों को फोन लगवाया गया। थाने पर अजनबियों को भेजकर टीआई की मौजूदगी की जांच कराई गई। सर्वे में पता चला कि 40 प्रतिशत टीआई थाने से नदारद रहते हैं। 20 प्रतिशत थाने ऐसे हैं जहां पुलिसकर्मी फोन नहीं उठाते हैं।

एडीजी कार्यालय में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाने की गुमनाम शिकायत की गई थी। इसके बाद जिले से 30 थानों पर तीन दिन तक फोन लगाए गए। एक बार दोपहर 12 बजे और दूसरी बार शाम 5 बजे। एआईजी सोनाली दुबे ने बताया कि स्टाफ की मदद से 27 जून को 10 थानों पलासिया, परदेशीपुरा, बाणगंगा, हीरानगर, विजय नगर, एमआईजी, खजराना, लसूड़िया, आजाद नगर और तेजाजी नगर में फोन लगाया गया था। इनमें से 40 प्रतिशत में फोन नहीं उठाया गया।

दो टीआई उपस्थित, एक अवकाश पर और तीन नदारद पाए गए। बाकी से फोन पर संपर्क नहीं हो पाया। 4 अप्रैल को किए गए सर्वे में राऊ, जूनी इंदौर, रावजी बाजार, भंवरकुआं, सराफा, पंढरीनाथ, छत्रीपुरा, मल्हारगंज, सदर बाजार और गांधीनगर थाने में फोन लगाया गया था। इसमें थानों पर तो फोन उठा लिया गया था लेकिन चार टीआई अनुपस्थित थे। 5 जुलाई को राजेंद्र नगर, द्वारकापुरी, हातोद, महू, किशनगंज, मानपुर, सिमरोल, गौतमपुरा, बेटमा और सांवेर थाने में फोन लगाया गया। महू और किशनगंज थाने में किसी ने फोन नहीं उठाया था। इसी तरह पांच टीआई अनुपस्थित पाए गए।

जनता से संपर्क जरूरी –

सभी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे फोन उठाएं। सोशल पुलिसिंग के लिए आम जनता से संपर्क में रहना आवश्यक है। कई बार समय पर जानकारी मिलने से अपराध रोकने में सहायता मिलती है। लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-अजयकुमार शर्मा, एडीजी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *