भोपाल। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) में फेल छात्रों को पास करने और फर्जी डिग्री देने के संबंध में तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार (एग्जाम) रंजीत सिंह को दोषी पाया गया है। इस मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अभय गोहिल ने की थी। उनकी रिपोर्ट पर गुरुवार को चर्चा हुई। रिपोर्ट में रंजीत सिंह पर लगे आरोप सही पाए गए। जस्टिस गोहिल की रिपोर्ट के आधार पर एनएलआईयू के एक्टिंग डायरेक्टर प्रो.मुकेश श्रीवास्तव मामले के दोषी पाए गए रंजीत सिंह को नोटिस जारी करेंगे। उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि क्यों न उनके खिलाफ इस मामले में कार्रवाई की जाए। उनके स्पष्टीकरण के आधार पर अगली कार्यपरिषद की बैठक में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

रिकॉर्ड में की छेड़छाड़

बैठक में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार रंजीत सिंह को जिन तीन मामलों में दोषी पाया गया है, उनमें रिकॉर्ड में छेड़छाड़ किया जाना, मार्कशीट के आधार पर गलत डिग्री बनाना और रिकॉर्ड का ठीक से संधारण नहीं किया जाना शामिल है।

गौरतलब है कि एनएलआईयू में एक दर्जन से ज्यादा फेल छात्रों को पास कर दिया गया था। छात्रों की शिकायत पर जब मामले की जांच की गई तो यह पाया गया कि यह सही है और फेल छात्र पास हुए हैं। इसके बाद एनएलआईयू ने आंतरिक जांच समिति का गठन किया था जिसमें रंजीत सिंह को दोषी पाया गया था। उन्हें निलंबित भी किया गया था।

एनएलआईयू ने रंजीत सिंह पर लगे आरोपों की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अभय गोहिल से भी करवाई। उन्होंने करीब तीन महीने तक मामले की जांच की और विभिन्न पक्षों से बयान लिए। बयान के आधार पर यह पाया गया कि रंजीत सिंह पर लगे आरोप सही हैं। उनकी रिपोर्ट पर ही गुरुवार को बैठक हुई थी।

13 छात्रों की डिग्री हो सकती है निरस्त

जानकारी के मुताबिक इस रिपोर्ट के आने के बाद फेल से पास किए गए छात्रों की डिग्री निरस्त की जा सकती है। हालांकि अब तक इसका अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इनकी डिग्री की मान्यता खत्म की जाएगी। फेल छात्र नौकरी कर रहे हैं।

रजिस्ट्रार देखेंगी रिकॉर्ड

एनएलआईयू की रजिस्ट्रार गिरिबाला सिंह 1998 से 2015 तक के विभिन्न रिकॉर्ड की जांच करेंगी। वे भी देखेंगी कि रिकॉर्ड का मेंटेनेंस क्यों नहीं हुआ और अब इसमें क्या किया जा सकता है। वे यह भी देखेंगी कि यहां जो फर्जीवाड़ा हुआ है उसकी मुख्य वजह क्या रही ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग

बैठक में कुछ सदस्यों ने फर्जी डिग्री मामले में अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग भी की। यह भी कहा गया कि दोषी के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाया जाए। वहीं कुछ सदस्यों ने यह भी कहा कि केवल एक व्यक्ति को ही दोषी मानकर प्रकरण नहीं बने बल्कि यह भी देखा जाना चाहिए कि इसमें कौन-कौन शामिल रहा। फिलहाल इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया गया।

इनका कहना है

आज रिपोर्ट पर चर्चा हुई। तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार रंजीत सिंह को तीन मामलों में दोषी पाया गया। उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है। इसका जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी – गिरिबाला सिंह, रजिस्ट्रार

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