छतरपुर। समाजवादी पार्टी की सांसद सांसद फूलन देवी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा पा चुके और जमानत पर जेल से बाहर आए शेर सिंह राणा ने 20 फरवरी 2018 को छतरपुर से पूर्व विधायक की बेटी के साथ रुड़की में शादी रचाई थी। शेर सिंह राणा ने दहेज में मिली 10 करोड़ की खदान, 31 लाख रुपये के शगुन को लेने से इनकार करते हुए चांदी का सिक्का लेकर शादी की रस्म अदा की थी ।
गौरतलब है कि 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा ने समाजवादी पार्टी की सांसद फूलन देवी की दिल्ली स्थित सरकारी आवास से निकलते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 2014 में फूलन देवी हत्याकांड का दोषी मानते हुए शेर सिंह राणा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जबकि उसके 3 दोस्तों को बरी कर दिया गया था। इसी अदालत ने शेर सिंह राणा को वर्ष 2017 में जमानत दे दी थी।
राणा की शादी छतरपुर के पूर्व विधायक राणा प्रताप सिंह की बेटी प्रतिमा राणा से हुई है। रुड़की में शादी के बाद मैरिज फंक्शन दिल्ली रोड स्थित एक होटल में किया गया जिसमें कुछ चुनिंदा लोग ही शामिल हुए थे।
बताया जा रहा है कि राणा को लड़की वालों की तरफ से दहेज के तौर पर 10 करोड़ की खदान और 31 लाख रुपए दिए जा रहे थे लेकिन उन्होंने इनकार करते हुए चांदी का सिक्का लेकर शादी की रस्म अदा की।
शादी के दौरान प्रतिमा राणा की मां संध्या राजीव बुंदेला छतरपुर के गवारा से नगर पालिका अध्यक्ष थीं। उनकी बेटी प्रतिमा राणा ने पॉलटिकल साइंस से एमए किया है।
उन्होंने बताया था कि वह क्षत्रिय महासभा से जुड़ी हैं। कुछ समय पहले ग्वालियर में क्षत्रिय महासभा का एक कार्यक्रम हुआ था जिसमे शेरसिंह राणा भी शामिल हुए थे।
कार्यक्रम में संध्या राजीव बुंदेला ने शेरसिंह राणा को पहली बार देखा था। यहीं पर उन्होंने राणा को अपनी बेटी के लिए पंसद किया था।
बता दें कि शेरसिंह राणा ने 25 जुलाई 2001 को समाजवादी पार्टी की सांसद फूलन देवी की दिल्ली स्थित सरकारी आवास से निकलते समय गोली मारकर हत्या कर दी थी।
मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने 2014 में फूलन देवी हत्याकांड का दोषी मानते हुए शेर सिंह राणा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसी अदालत से शेर सिंह राणा को वर्ष 2017 में जमानत दी थी।
शेर सिंह राणा जन्म 17 मई 1976, उत्तराखंड के रुड़की में हुआ। राणा ने अंतिम हिंदू सम्राट कहे जाने वाले पृथ्वीराज चौहान की अफगानिस्तान के गजनी में रखी अस्थियों को भारत ले आए थे जिसके बाद वे चर्चा में थे। – बता दें कि इस दौरान वे फूलन देवी की हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में बंद थे। 17 फरवरी 2004 को वे जेल से फरार हो गए और नेपाल, बांग्लादेश, और दुबई के रास्ते होते हुए अफगानिस्तान पहुंचे।
यहां उन्होंने अफगानिस्तान के गजनी में रखी हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां 2005 में भारत ले आए।
इस पूरी घटना का बाकायदा राणा ने वीडियो भी बनाया था। इसके बाद राणा ने अपनी मां की मदद से गाजियाबाद के पिलखुआ में पृथ्वीराज चौहान का मंदिर बनवाया, जहां पर उनकी अस्थियां आज भी रखी हुई है।
शेर सिंह राणा ने 2012 में उत्तर प्रदेश के जेवर से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी।