मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रानी पद्मावती के जीवन और शौर्य गाथा से सम्बंधित ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर बनी फिल्म रानी पद्मावती का प्रदर्शन मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं होगा। चौहान आज अपने निवास पर राजपूत क्षत्रिय समाज के लोगों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी पद्मावती के बलिदान का अपमान देश और प्रदेश स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भोपाल में रानी पद्मावती की शौर्य गाथा को प्रदर्शित करने स्मारक स्थापित किया जाएगा। भावी पीढ़ी के लिए प्रस्तावित वीर भूमि प्रकल्प में वीरों की शौर्य गाथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। चौहान ने कहा कि भारत ने दुनिया को वीरता का पाठ पढ़ाया है। भारत के वीरों ने अपनी गरिमा, आत्म-सम्मान और मातृभूमि के लिए प्राणों का बलिदान दिया है। अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए बलिदान देने की भारतवर्ष की अद्भुत वीरगाथाओं का उदाहरण पूरी दुनिया में नहीं मिलता। श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं के सम्मान के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्ति को राष्ट्रमाता पद्मावती पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसी प्रकार वीरता के लिए महाराणा प्रताप पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
महारानी पद्मावती के सम्मान की रक्षा में विभिन्न जिलों से आये राजपूत समाज के प्रतिनिधि मंडलों ने रानी पद्मावती के सम्मान और गरिमा को धूमिल करने और इतिहास से छेड़छाड़ करने के षड्यंत्र के विरुद्ध मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिए। राज्य भाजपा अध्यक्ष श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि पैसों के लिए राष्ट्रमाता पद्मावती के जीवन से सम्बंधित इतिहास से छेड़छाड़ की गयी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमाता पद्मावती ने सिखाया कि राष्ट्र के लिए कैसे जिया जाता है। वे आम भारतीयों की प्रेरणा स्रोत हैं और सिर्फ क्षत्रिय समाज की नहीं, पूरे हिन्दुस्तान की पूज्यनीय हैं। इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस, सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग, विधायक यशपाल सिसोदिया, विधायक सुरेन्द्रनाथ सिंह, विधायक रामेश्वर शर्मा और बड़ी संख्या में राजपूत समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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