नई दिल्‍ली। देशभर में कोरोना संक्रमण आग की तरह फैलता जा रहा है। प्रतिदिन करीब 4 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं। देश में इन हालातों से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कई अहम सुझाव दिए हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में फिर लॉकडाउन लगाने की सलाह दी है। वहीं कोर्ट की सलाह पर आज केंद्र सरकार इस पर फैसला ले सकती है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन की खरीद पॉलिसी को फिर से रिवाइज करने को कहा है।  इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट की बेंच ने ये भी कहा है कि लॉकडाउन लगाने से पहले सरकार ये भी सुनिश्चित करे कि इसका समाजिक और आर्थिक प्रभाव कम पड़े। कोर्ट ने केंद्र को सलाह दी है कि जिन भी लोगों पर लॉकडाउन का ज्यादा असर पड़ सकता है उनके लिए खास इंतजाम किए जाएं।

  वैक्सीन को लेकर रिवाइज पॉलिसी

20 अप्रैल को केंद्र सरकार ने वैक्सीन की खरीद को लेकर नई रिवाइज पॉलिसी की घोषणा की थी। जिसमें कहा गया था कि अब केंद्र सिर्फ 50 प्रतिशत वैक्सीन की खरीद करेगी। बाकी 50 प्रतिशन वैक्सीन राज्य और प्राइवेट कंपनी द्वारा मंहगी दरों पर खरीद की जाएगी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुझाव दिया कि टीकों की खरीद को केंद्रीकृत किया जाए और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में वितरण को विकेंद्रीकृत किया जाए।

  राष्ट्रीय नीति बनाने की सलाह

देश भर के अस्पतालों से बेड, ऑक्सीजन, मेडिकल उपकरण, इंजेक्शन, दवाईयों की कमी की शिकायतें आ रही हैं। इसके सुझाव में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को हॉस्पिटल में एडमिट होने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की सलाह दी है। कोर्ट ने इस नीति के लिए केंद्र को केवल 2 सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट के अनुसार किसी भी स्थानीय आवासीय प्रमाण या पहचान प्रमाण की कमी के लिए अस्पताल में भर्ती या आवश्यक दवाओं से वंचित नहीं किया जाएगा।

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