भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि संकल्प लें कि फिर किसी शहर को तीन दिसंबर 1984 का भोपाल नहीं बनने देंगे। ऐसे कारखानों की जरूरत नहीं है, जो पर्यावरण को बिगाड़ते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ बरकतउल्ला भवन सेंट्रल लाइब्रेरी में भोपाल गैस त्रासदी की 28 वीं बरसी पर श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है। पीड़ित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें न्याय दिलाने के हरसंभव प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि गैस त्रासदी की घटना को 28 साल बीत गये, फिर भी जख्म भरे नहीं है। दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को हम भूल नहीं सकते जब जिन्दादिल लोगों का शहर भोपाल लाशों के ढेर में तब्दील हो गया था। यूनियन कार्बाईड से अचानक निकली मिथाइल आइसोसाइनाइट गैस की वजह से 15 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हुई और हजारों परिवार प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सबका कर्त्तव्य है कि गैस प्रभावितों को राहत और बेहतर सेवा दें। उन्होंने कहा कि प्रकृति पर सबका हक है, प्रकृति का शोषण करना ठीक नहीं है।
श्रद्धांजलि सभा में सनातन, इस्लाम, सिक्ख, ईसाई, जैन, बौद्ध और बोहरा धर्म के धर्माचार्यों द्वारा पाठ किया गया। गैस त्रासदी में दिवंगतों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री बाबूलाल गौर, महापौर श्रीमती कृष्णा गौर, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रमेश शर्मा गुट्टू भैया, विधायक श्री ध्रुवनारायण सिंह के अलावा श्री पी.सी. शर्मा, श्री सुनील सूद, श्री अशोक जैन भाभा, श्री मनोज पटेल, मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम सहित जन-प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।