भोपाल ! मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में फार्मेसी की छात्रा द्वारा रेगिंग से पीडित होकर आत्महत्या करने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पूरे प्रदेश में रेगिंग पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिये है।
श्री चौहान ने कहा कि रेगिंग की रोकथाम को गंभीरता से लिया जाये। उन्होंने कहा कि इस संबंध में निर्धारित दिशा-निर्देशों का कडाई से पालन आवश्यक रूप से सुनिश्चित किया जाये।उन्होने कहा कि आवश्यक होने पर रेगिंग की रोकथाम के लिये और अधिक कडे प्रावधान लागू किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल में डिग्री वितरण से संबंधित शिकायतों को भी दूर करने के निर्देश उच्च शिक्षा विभाग को दिये है।
मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम ने भी आज एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में रेगिंग की प्रभावी रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने महाविद्यालय स्तर पर शारीरिक और मानसिक प्रताडना की घटनाओं पर पूर्णत:अंकुश लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि रैगिंग नियंत्रण में शिक्षण संस्थानों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्य सचिव ने महाविद्यालयों के प्राचार्य संकाय सदस्य द्वारा सत्र प्रारंभ होने के पूर्व और पश्चात जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के सभी संभागायुक्तों को अपने संभाग में कलेक्टरों की अध्यक्षता में बैठक करने के निद9श दिए है जिनमें रैगिंग के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और राज्य शासन के निर्देशों से शासकीय महाविद्यालयों और निजी शिक्षण संस्थाओं को अवगत करवाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि रैगिंग की एक घटना भी गंभीर मानकर ऐसी घटनाओं को न होने देने के प्रयास किए जाएं। इस संबंध में शैक्षणिक संस्थाओं के चौकन्नेपन में भी कमी नहीं आनी चाहिए। रैगिंग को पूरी तरह रोके जाने के निर्देशों के पालन और सीनियर विद्यार्थियों की काउंसलिंग के आवश्यक कदम भी उठाये जाएं 1 छात्र कल्याण अधिष्ठाता के संयोजन में विश्वविद्यालय स्तर पर गठित समितियों में महिला संकाय सदस्य भी अनिवार्य रूप से शामिल करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने शिक्षण संस्थाओं के लिए लिखित निर्देश जारी करने को भी कहा। बैठक में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश में पूर्व से राज्यपाल (कुलाधिपति) की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय मॉनीटरिंग सेल जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला-स्तरीय समिति और विश्वविद्यालय स्तर पर डीन की अध्यक्षता में समितियाँ गठित है और वे सक्त्रिय रूप से कार्यरत है। इसके अलावा प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग निरोधक दस्ता बनाने को कहा गया है।

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