इंदौर । एएसपी बनकर पुलिसवालों के जरिए पेट्रोल पंप कारोबारियों को ठगने वाले गिरोह के दो बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि चार बदमाश मुरैना पुलिस ने पकड़े। सरगना जेल में बंद है और आशंका है कि वह वहीं से गिरोह चलाता था। पुलिस को शक है कि आरोपितों का पुलिसकर्मियों से भी संपर्क है। उनके परिवार में भी पुलिस अधिकारी-कर्मचारी हो सकते हैं।
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक पिछले दिनों एरोड्रम थाने में ठग ने कॉल किया और कहा कि ‘मैं एएसपी शैलेंद्र सिंह बोल रहा हूं। नजदीकी पेट्रोल पंप संचालक से मेरी बात करवाओ।’ एचसीएम ने दो सिपाही रवाना किए और पंप संचालक अंकित बंसल से ठग की बात करवा दी। ठग ने कहा मुझे रुपए की जरूरत है। मेरे खाते में तत्काल 60 हजार रुपए जमा करवा दो। अंकित को उस पर शक हुआ और ठगाते हुए बच गया। पुलिस ने थाने की कॉल डिटेल निकाली तो नंबर राजस्थान के निकले।

पुलिस के पहुंचने के पहले ही बदमाश मोबाइल बंद कर भाग गए। पुलिस ने उन बैंक खातों की छानबीन की और आरोपित प्रदीपसिंह उर्फ गोलू बैरवा और राजपाल मीणा दोनों निवासी सपोटरा (करौली, राजस्थान) को पकड़ लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह का सरगना लक्की उर्फ अखिलेश है। वह सपोटरा का लिस्टेड गुंडा है। उस पर हत्या, हत्या की कोशिश, मारपीट के करीब 12 केस दर्ज हैं। फिलहाल वह प्राणघातक हमले के आरोप में जेल में बंद है। वही साथी मुकेश मीणा की मदद से पुलिस वेबसाइट से अफसरों के मोबाइल नंबर निकाल लेता था। वह अफसर के नाम-पद देखकर थानों पर कॉल करता था।
क्राइम ब्रांच एएसपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक आरोपित प्रदीप ने बताया कि वह 12वीं तक पढ़ा है और सपोटरा में टेलर है। उसके भाई लोकेश ने गिरोह के एक सदस्य मदनलाल मीणा के इशारे पर प्रदीप के खाते में रुपए जमा करवाए थे। राजपाल ने कबूला कि अखिलेश ने बैंक खाता मांगा था। उसने साथी सनराज निवासी सांगानेर का खाता नंबर और आईएफएससी नंबर अखिलेश को दे दिए। अखिलेश ने साथी मुकेश मीणा की मदद से अन्य मामले में एक पंप संचालक से 55 हजार रुपए जमा करवा लिए। 20 हजार रुपए अखिलेश को मिले शेष से बाइक खरीद ली।
पुलिस के मुताबिक खाता धारक भी गिरोह के सदस्य हैं। वे सरगना से कमीशन लेकर खाते में रुपए जमा करवाते हैं। इस गिरोह ने इंदौर के एरोड्रम, विजयनगर, भंवरकुआं, छत्रीपुरा में कॉल किए थे। विजय नगर में एक पंप संचालक से 60 हजार रुपए ठग लिए थे। इसी गिरोह ने मुरैना के सिविल लाइन थाने व जबलपुर में भी ठगी की है। एसपी (मुरैना) अमित सांघी की टीम ने भी आरोपित लोकेश, लेक्सी, रामजीत और मनोज को पकड़ लिया है। एसपी के मुताबिक अखिलेश मुख्य आरोपित है। वह जेल से गैंग ऑपरेट करता था।
डीआईजी के मुताबिक ठग इंटरनेट के जरिए भी लोगों को कॉल कर धोखाधड़ी कर रहे हैं। स्पूफ कॉलिंग (नेट कॉलिंग) से आरोपित मनचाहे नंबर डिस्प्ले करवा लेते हैं। फिर लोगों से खातों में रुपए जमा करवा लेते हैं। ऐसे में शक होने पर तत्काल रिटर्न कॉल करें जिससे फर्जी नंबर ट्रेस किए जा सकें।

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